आंध्र प्रदेश: कोरोना लॉकडाउन के दो महीने बाद शुरू हुईं घरेलू विमान सेवाएं, बेंगलुरु से विजयवाड़ा पहुंची पहली फ्लाइट
By भाषा | Published: May 26, 2020 01:10 PM2020-05-26T13:10:10+5:302020-05-26T13:16:03+5:30
आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के करीब दो महीने बाद घरेलू विमान सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। ऐसे में बेंगलुरु से 79 यात्रियों के साथ स्पाइसजेट का पहला विमान 79 यात्रियों के साथ मंगलवार सुबह विजयवाड़ा हवाईअड्डा पहुंचा।
अमरावती: कोविड-19 (Coronavirus) के चलते लागू लॉकडाउन के करीब दो महीने बाद आंध्र प्रदेश में घरेलू विमान सेवाएं फिर से शुरू हो गईं, जहां स्पाइसजेट का पहला विमान बेंगलुरु से 79 यात्रियों के साथ मंगलवार सुबह विजयवाड़ा हवाईअड्डा पहुंचा।
हवाईअड्डा निदेशक जी मधुसूदन राव के मुताबिक, विमान 68 यात्रियों के साथ सुबह सात बजकर 40 मिनट पर बेंगलुरु लौट गया। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर इंडिगो का एक विमान भी, है जो 48 यात्रियों के साथ बेंगलुरु से यहां आया और 50 यात्रियों के साथ लौटा। राव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक सभी यात्री जो यहां उतरे उन्हें अपने ब्यौरे राज्य सरकार के स्पंदन वेबसाइट में दर्ज कराने थे।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, “चूंकि बेंगलुरु कोविड-19 मामलों के लिहाज से बहुत अधिक संवेदनशील नहीं है, इसलिए यहां उतरने वाले प्रत्येक यात्री को सात दिनों के लिए घर पर पृथक-वास में रहने की सलाह दी गई है। वहीं अधिक संवेदनशील इलाकों के मामले में यात्रियों को या तो संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहना होगा या किराये के पृथक-वास केंद्र में।”
उन्होंने बताया कि यात्रियों के साथ नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक बर्ताव किया गया। विमान सेवाएं सोमवार से शुरू होनी थी लेकिन यहां ऐसा नहीं हो पाया। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते देश में 25 मई से घरेलू विमान सेवाएं शुरू करने की घोषणा की थी जिस पर कई राज्यों ने आपत्ति जताई थी।
बता दें कि भारत में सोमवार सुबह आठ बजे से कोविड-19 से 146 और लोगों के जान गंवाने के साथ ही देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 4,167 हो गई है। वहीं 6,535 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,45,380 हो गए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी कोरोना वायरस (Coronavirus) के 80,722 मरीजों का इलाज जारी है, जबकि 60,490 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और एक देश छोड़कर चला गया है।