अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा अनुमान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पी. चिदंबरम ने 21 जनवरी को किए अपने ट्वीट में लिखा है, 'नोटबंदी की निंदा करने वालों में आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ एक थीं। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।'
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने लिखा, कई कोशिश के बाद भी जीडीपी 4.8 फीसदी रहेगी। अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य भी नहीं होगा।आईएमएफ के रियलिटी चेक में 2019-20 में ग्रोथ रेट 5 फीसदी से कम 4.8 फीसदी होगी।'
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत, 2020 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी। वहीं मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 2019 के लिये 4.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि 2020 और 2021 में इसके क्रमश: 5.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को संशोधित किया है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सालाना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि कोष का नीति निर्माताओं को बस यही सरल सा सुझाव है कि वे वह सब करते रहें जो परिणाम दे सके जिसे व्यवहार में लाया जा सके।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर वृद्धि में फिर से नरमी आती है तो हर किसी को समन्वित तरीके से फिर से और ततकाल कदम उठाने के लिये तैयार रहना चाहिए। आईएमएफ ने कहा कि हम अभी बदलाव बिंदु पर नहीं पहुंचे हैं यही वजह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य को मामूली कम किया जा रहा है।