पीरियड्स को लेकर बने मिथक को तोड़ने के लिए IIT दिल्ली के छात्रों ने बनाए इंटरटेनमेंट गेम

By भाषा | Published: June 27, 2018 07:27 PM2018-06-27T19:27:52+5:302018-06-27T19:27:52+5:30

संस्थान में प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही रितिका ने कहा कि हमने मौखिक जागरुकता सत्रों की जगह तब तीन गेमों का सेट डिजाइन तैयार करने का फैसला किया जब हमने पाया कि महिलाओं में मासिक धर्म के बारे में जागरुकता की कमी है।

IIT Delhi students shatter period taboos with fun games | पीरियड्स को लेकर बने मिथक को तोड़ने के लिए IIT दिल्ली के छात्रों ने बनाए इंटरटेनमेंट गेम

पीरियड्स को लेकर बने मिथक को तोड़ने के लिए IIT दिल्ली के छात्रों ने बनाए इंटरटेनमेंट गेम

नई दिल्ली, 27 जूनः मासिक धर्म संबंधी मिथकों और वर्जनाओं को तोड़ने के क्रम में आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने युवतियों और महिलाओं के लिए कई गेम तैयार किए हैं, जिससे कि मनोरंजक और आकर्षक तरीके से जागरुकता फैलाने का काम किया जा सके। इनमें पहेली, रूलेट और मासिक धर्म संबंधी मूल चीजों पर फोकस करने वाले तीन गेमों का सेट शामिल है। इनमें बताया जाता है कि सैनिटरी नैप्किन कब-कब बदला जाना चाहिए और उसे कैसे निपटाया जाना चाहिए।

संस्थान में प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही रितिका ने कहा कि हमने मौखिक जागरुकता सत्रों की जगह तब तीन गेमों का सेट डिजाइन तैयार करने का फैसला किया जब हमने पाया कि महिलाओं में मासिक धर्म के बारे में जागरुकता की कमी है।

बायो टेक्नोलॉजी की छात्रा इशिता गुप्ता ने कहा कि मौखिक सत्र और फिर इन गेमों को खेलने के बाद इन गेमों का असर जानने के लिए हमने एक सर्वेक्षण किया जिसमें हमने महिलाओं से मासिक धर्म के संबंध में एक प्रश्नावली भरने को कहा है। मौखिक सत्र के बाद, 10 में से औसतन छह प्रश्नों के उत्तर सही दिए गए, जबकि मॉड्यूल आधारित सर्वेक्षण में महिलाओं ने 8।6 प्रतिशत प्रश्नों के सही जवाब दिए।

इशिता ने कहा कि हम महिलाओं को अपने सामने गेम खिलाते हैं और इसे खेलने में उनकी मदद करते हैं। यदि वे गलतियां करती हैं तो हम उन्हें सही कराते हैं जिससे कि उनके मस्तिष्क में कोई गलत अवधारणा बाकी न रहना सुनिश्चत हो सके।

आईआईटी दिल्ली की छात्रा तन्वी ने कहा कि मुझे एक जागरूकता कार्यक्रम में एक लड़की से हुई बातचीत याद है जिसमें उसने बताया कि उसके लिए उसके परिवार में महिलाओं को कपड़े के टुकड़े की जगह सैनिटरी नैप्किन के इस्तेमाल के लिए समझाना कितना मुश्किल था। 

सिविल इंजीनियरिंग की 19 वर्षीय छात्रा ने कहा कि इसलिए यह परियोजना सिर्फ स्कूली लड़कियों के लिए नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए भी है ताकि इसका पूरा फायदा सुनिश्चित किया जा सके। 'प्रोजेक्ट तितली' नाम की इस पहल के तहत अब तक 1,500 से अधिक महिलाओं को जागरुक किया जा चुका है।

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!

Web Title: IIT Delhi students shatter period taboos with fun games

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे