आईएचएस मार्किट ने कहा- लॉकडाउन सकंट के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या से अर्थव्यवस्था के और नीचे जाने का जोखिम

By भाषा | Published: June 12, 2020 04:44 PM2020-06-12T16:44:01+5:302020-06-12T16:44:01+5:30

कोरोना संकट के बीच लगे लॉकडाउन के कारण कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ते जा रही है। इस बढ़ती जनसंख्या के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका है, आईएचएस मार्किट ने कहा है कि कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या से देश का आर्थिक परिदृश्य और गिरावट के जोखिम को दिखा रहा है।

IHS Markit said due to lockdown increasing number of corona patients risk of economy going down | आईएचएस मार्किट ने कहा- लॉकडाउन सकंट के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या से अर्थव्यवस्था के और नीचे जाने का जोखिम

लॉकडाउन सकंट के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या से अर्थव्यवस्था के और नीचे जाने का जोखिम

Highlightsदेश में लंबे समय से जारी लॉकडाउन के चलते चालू वित्त वर्ष में जहां भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका है। कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या से देश का आर्थिक परिदृश्य और गिरावट के जोखिम को दिखा रहा है।

नई दिल्ली: देश में लंबे समय से जारी लॉकडाउन के चलते चालू वित्त वर्ष में जहां भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका है वहीं लॉकडाउन में ढील के बाद कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या से देश का आर्थिक परिदृश्य और गिरावट के जोखिम को दिखा रहा है। आईएचएस मार्किट ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ इस लंबे लॉकडाउन का असर देश के औद्योगिक उत्पादन और उपभोक्ता व्यय दोनों पर गहरा है।

वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तीव्र गिरावट का अनुमान है जिससे वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि दर भारी मंदी का शिकार हो सकती है।’’ कंपनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर अपने आकलन में यह बात कही। भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है जो 30 जून तक रहेगा।

हालांकि चार मई के बाद से लॉकडाउन के नियमों में सर्शत ढील दी गयी है। आईएचएच मार्किट ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में लॉकडाउन नियमों में राहत देने के बाद कोविड-19 के मामलों में कमी देखी गयी। लेकिन भारत में स्थिति इसके उलट है। ऐसे में लॉकडाउन नियमों का भविष्य बहुत ज्यादा अनिश्चित है और अर्थव्यवस्था के और नीचे जाने का जोखिम बढ़ा है।

सर्वेक्षण कंपनी ने कहा कि भारत में कोरोना मामले बढ़ने की वजह शहरों में जनसंख्या घनत्व अधिक होना, देश की ज्यादा आबादी और कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली होना है। आईएचएस मार्किट का कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किया जाने वाला अप्रैल का सर्वेक्षण ‘पीएमआई’ लॉकडाउन के पूरे असर को दर्शाता है जिसमें कारोबारी गतिविधियां लगभग ढह जाने के संकेत मिलते हैं।

कंपनी का एकीकृत उत्पादन सूचकांक अप्रैल में 7.2 अंक रहा जो सर्वेक्षण शुरू होने के साढ़े चौदह साल के इतिहास में सबसे निचला स्तर है। सर्वेक्षण दिखाता है कि कोविड-19 ने देश के विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इससे कुल कारोबारी गतिविधियों में तीव्र गिरावट रही है। 

Web Title: IHS Markit said due to lockdown increasing number of corona patients risk of economy going down

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