लाइव न्यूज़ :

‘अगर राज्य किसी व्यक्ति को निशाना बनाता है तो उच्चतम न्यायालय उसकी रक्षा करने के लिए है’

By भाषा | Updated: November 11, 2020 22:52 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 11 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अगर कोई राज्य किसी व्यक्ति को निशाना बनाता है तो उन्हें पता होना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय उनकी रक्षा करने के लिए है। साथ ही शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों से कहा कि वे ‘‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’’ की रक्षा करने में अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करें।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सर्वोपरि रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर वह आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी से जुड़े मामले में ‘‘हस्तक्षेप’’ नहीं करती है तो यह ‘‘विनाश के रास्ते’’ पर चलने की तरह होगा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर राज्य व्यक्ति को निशाना बनाता है तो उन्हें समझना चाहिए कि उसकी रक्षा करने के लिए उच्चतम न्यायालय है।

साथ ही इसने इसी तरह के व्यक्तिगत सुरक्षा से जुड़े मामलों में विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा राहत देने से इंकार करने पर क्षोभ जताया और कहा कि संवैधानिक अदालत होने के नाते उच्च न्यायालयों को ‘‘अपने संवैधानिक दायित्वों’’ के निर्वहन से बचना नहीं चाहिए।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘आज हमें सभी उच्च न्यायालयों को संदेश देना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बरकरार रखने में वे अपने अधिकार का इस्तेमाल करें।’’

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक की अंतरिम जमानत याचिका पर दिन भर चली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ये टिप्पणियां कीं।

उच्चतम न्यायालय ने उन्हें और दो अन्य को राहत देते हुए कहा कि अगर ‘‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बाधित किया जाता है तो यह न्याय का उपहास है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘अगर आज हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं तो हम विनाश के रास्ते पर चलेंगे। अगर आप मेरी बात करते हैं तो मैं चैनल नहीं देखता और आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं लेकिन संवैधानिक अदालतों को ऐसी स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी।’’

महाराष्ट्र सरकार के वकील ने जब एक तकनीकी आपत्ति उठाते हुए कहा कि पत्रकार मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर करें और फिर वहां से वापस लेकर जिस मंच पर जाना चाहें, जाएं। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से तकनीकी आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता है। यह आतंकवाद का मामला नहीं है।’’

महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश होने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गोस्वामी की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय केरल के एक पत्रकार को रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया और उच्चतम न्यायालय ने उससे कहा कि पहले उच्च न्यायालय जाए और वहां से जमानत खारिज होने के बाद वापस यहां आए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने हाल के एक मामले को याद किया जिसमें लॉकडाउन प्रतिबंधों पर एक आलोचनात्मक ट्वीट के लिए एक महिला को पश्चिम बंगाल में प्रताड़ित किया गया और कहा कि संवैधानिक अदालतों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए समय-समय पर खड़ा होना चाहिए।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उसे समन जारी किया गया... क्या यह उचित है? यह नहीं हो सकता है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘थोड़े वक्त के लिए अर्नब गोस्वामी को भूल जाइए, हम संवैधानिक अदालत हैं। संवैधानिक अदालत के तौर पर अगर हम कानून नहीं स्थापित करते हैं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करते हैं तो फिर इसे कौन करेगा।’’

इसके बाद पीठ ने भादंसं के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध का जिक्र किया ।

अदालत ने कहा कि पीड़ित का परिवार उचित एवं निष्पक्ष जांच का हकदार है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटआईपीएल नीलामी में मचेगा तूफान! ग्रीन, वेंकटेश और लिविंगस्टोन पर होगी पैसों की बारिश?

कारोबार30 नवंबर तक नए, मौजूदा और सेवानिवृत्त सहित कुल 122123 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने यूपीएस को चुना

भारतभाजपा कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर आपकी क्या प्राथमिकता होगी?, नितिन नबीन ने खास बातचीत की

भारतएनआईए ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए टॉप LeT कमांडर साजिद जट्ट को मुख्य साज़िशकर्ता बताया

भारतमुंबई नगर निगम चुनावः उद्धव ठाकरे को झटका, भाजपा में शामिल तेजस्वी घोसालकर, BMC चुनाव में हारेंगे पूर्व सीएम?, मंत्री संजय शिरसाट ने कहा

भारत अधिक खबरें

भारतSanjay Saraogi: कौन हैं संजय सरावगी, जो बीजेपी की बिहार यूनिट के नए अध्यक्ष बने हैं?

भारततमिलनाडु-असम विधानसभा चुनाव 2026ः पीयूष गोयल-बैजयंत पांडा प्रभारी और अर्जुन राम मेघवाल, मुरलीधर मोहोल, सुनील कुमार शर्मा और दर्शना बेन जरदोश सह-प्रभारी नियुक्त

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

भारतनितिन नबीन के बाद बिहार में एक और बदलाव, संजय सरावगी होंगे प्रदेश अध्यक्ष

भारत“छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”, छत्तीसगढ़ के गेड़ी नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन को यूनेस्को ने सराहा