बलिया में नहीं मिली एंबुलेंस तो ठेले से मरीज पहुंचा स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल में मौत के बाद शव ले जाने के लिए 1100 रुपये देकर लेनी पड़ी प्राइवेट गाड़ी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 5, 2022 03:02 PM2022-04-05T15:02:04+5:302022-04-05T15:08:49+5:30
उत्तर प्रदेश के बलिया में एक पति को पत्नी के इलाज के लिए अस्पताल जाने के लिए जब कोई साधन नहीं मिला तो वो ठेले पर अपनी बीमार पत्नी को ठेले पर लादकर चार किलोमीटर दूर चिलकहर पीएचसी पहुंचा।
बलिया: प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भले ही लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का है।
यहां एक बुजुर्ग पति को अपनी बीमार पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए जब कोई साधन नहीं मिला तो वो ठेले पर अपनी बीमार पत्नी को ठेले पर लादकर चार किलोमीटर दूर चिलकहर पीएचसी पहुंचा।
पीएचसी से बुजुर्ग महिला की गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल बलिया के लिए रेफर कर दिया गया। जिसके बाद वृद्ध महिला के पति सुकुल प्रजापति किसी तरह पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। इसके बावजूद सुकुल प्रजापति अपनी पत्नी की जान नहीं बचा पाये।
इस पूरे प्रकरण सबसे दुखद पहलू यह है कि सुकुल की मृत पत्नी के शव को जिला अस्पताल से घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली और मजबूर होकर सुकुल को 1100 रुपये किराया देकर निजी एम्बुलेंस से मृत पत्नी की देह को लेकर घर लौटे।
घटना के बाद बुजुर्ग पति द्वारा बीमार पत्नी को ठेले पर लेटाकर अस्पताल तक जाने का फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और वह फोटो अब लखनऊ में सत्ता के गलियारे तक पहुंच हई है।
यही कारण है कि वायरल हुई फोटो के मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।
जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर बुजुर्ग द्वारा अपनी पत्नी को ठेले पर लेकर जाने का जो फोटो वायरल हो रहा है, वह बीते 28 मार्च का है। मामला बलिया जिले के चिलकहर ब्लाक के अन्दौर गांव का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुकुल प्रजापति की 55 साल की पत्नी जोगनी की तबियत अचानक 28 मार्च को बहुत तेजी से खराब हो गई। सुकुल अपनी पत्नी जोगनी को लेकर अस्पताल जाना चाहते थे लेकिन उन्हें कोई साधन नहीं मिला, लिहाजा सुकुल ठेले पर ही लादकर पत्नी को तीन किमी दूर पीएचसी चिलकहर पहुंचे।
सुकुल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर कुछ दवाएं देकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल ले जाने को कहा। रास्ते में पियरिया के पास पत्नी को ठेला पर ही छोड़कर वह पैदल घर आ गये। पैसे-कपड़े आदि लेकर वापस पत्नी के पास पहुंचे। वहां से टेम्पो से पत्नी को जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान कुछ लोगों ने ठेले से ले जाते हुए फोटो खींच लिया औऱ उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
हालांकि अस्पताल में इलाज के दौरान सुकुल की 55 साल की पत्नी जोगनी की मौत हो गयी। मीडियाकर्मियों से बातचीत में सुकुल ने बताया कि रात में करीब 11-12 बजे मौत के बाद लाश ले जाने के लिए अस्पताल वालों से एम्बुलेंस मांगा गया तो उन्होंने रात में वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होने का हवाला दे दिया। अंत में मजबूर होकर सुकुल 1100 रुपये में प्राइवेट गाड़ी किराए पर लिये और पत्नी की मृत देह को लेकर घर पहुंचे।
वहीं अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ठेले पर पत्नी को ले जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया और मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
मामले में बलिया के सीएमओ डॉक्टर नीरज पांडे का कहना है कि पीएचसी चिलकहर के गेट तक मरीज को लेकर परिजन गए थे। इसके बाद जिला अस्पताल ले गया, जहां इलाज के दौरान वृद्ध महिला की मौत हो गई।
सीएमओ डॉक्टर नीरज पांडे ने कहा कि मौत के बाद वृद्धा के परिजन ने अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मांगा था और अगर परिजन शव ले जाने के लिए वाहन की मांग करते तो उन्हें उपलब्ध करवाया जाता। वैसे स्वास्थ्य विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी।