कोविड-19 का टेस्ट कराने के लिए अब जरूरी नहीं होगी डॉक्टर की पर्ची, कोई भी करा सकता है अपनी जांच

By सुमित राय | Published: September 6, 2020 09:59 AM2020-09-06T09:59:32+5:302020-09-06T09:59:32+5:30

अब कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए डॉक्टर की पर्ची या जिलाधिकारी की इजाजत की जरूरत नहीं होगी।

ICMR paves the way for walk-in Covid-19 tests | कोविड-19 का टेस्ट कराने के लिए अब जरूरी नहीं होगी डॉक्टर की पर्ची, कोई भी करा सकता है अपनी जांच

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की जांच के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsस्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टेस्ट को लेकर ऑन डिमांड टेस्ट लागू कर दिया है।अब कोई भी अपनी मर्जी से कोरोना का टेस्ट करा सकता है।कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए डॉक्टर की पर्ची या जिलाधिकारी की इजाजत की जरूरत नहीं होगी।

देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते रफ्तार के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टेस्ट को लेकर जारी अपनी नई एडवाइजरी में ऑन डिमांड टेस्ट लागू कर दिया है। अब कोई भी अपनी मर्जी से कोरोना का टेस्ट करा सकता है, इसके लिए डॉक्टर के पर्ची की आवश्यकता नहीं होगी। इसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने राज्यों को जानकारी दे दी है।

बता दें कि इससे पहले कोरोना वायरस की जांच के लिए डॉक्टर की पर्ची की जरूरत होती थी या मरीज के पास जिले के जिलाधिकारी की इजाजत हो, तब ही जांच की जाती थी। नियम के मुताबिक अब तक उन्हीं लोगों का टेस्ट किया जाता था, जिनमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं या संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क में आते थे।

यह कदम दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद आया है, जिसमें पूछा गया था कि क्या जिन लोग बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं और जो कोविड-19 रोगियों का एक बड़ा हिस्सा हो सकता है, उनका टेस्ट नहीं हो सकता।

राज्य कर सकते हैं नियमों में बदलाव

आईसीएमआर ने 'भारत में कोविड-19 जांच रणनीति परामर्श' (चौथा संस्करण) जारी करते हुए कहा कि राज्य मांग के अनुरूप जांच और नियम कायदों में बदलाव कर सकते हैं। इसमें यह भी सलाह दी गई है कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे 100 प्रतिशत लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की जानी चाहिए, खासतौर पर उन शहरों में जहां बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है।

यात्रा के दौरान निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य

आईसीएमआर ने विदेश या दूसरे राज्यों की यात्रा के लिए कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य किए जाने के मद्देनजर सभी व्यक्तियों को मांग के आधार पर जांच कराने का सुझाव दिया है। इसके अलावा जांच नहीं होने के आधार पर आपात सेवा में देरी नहीं जानी चाहिए और गर्भवती महिला को जांच की सुविधा नहीं होने के आधार पर रेफर नहीं किया जाना चाहिए।

कोरोना टेस्टिंग को चार वर्गों में बांटा

आईसीएमआर की यह सामान्य गाइडलाइंस है और इसे राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार संशोधित किया जा सकता है. कोरोना टेस्टिंग को चार वर्गों में बांटा गया है। मसलन कंटेनमेंट जोन, गैर कंटेनमेंट एरिया में नियमित निगरानी, अस्पताल और ऑन डिमांड टेस्टिंग।

Web Title: ICMR paves the way for walk-in Covid-19 tests

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे