कुलभूषण जाधव मामलाः 15-1 से जीता भारत, ICJ ने कहा- फांसी की सजा पर फिर से विचार करे पाकिस्तान

By भाषा | Published: July 17, 2019 08:12 PM2019-07-17T20:12:39+5:302019-07-17T20:12:39+5:30

भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था।

ICJ: Court finds that Pakistan deprived India of the right to communicate with and have access to Kulbhushan Jadhav | कुलभूषण जाधव मामलाः 15-1 से जीता भारत, ICJ ने कहा- फांसी की सजा पर फिर से विचार करे पाकिस्तान

पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए।

Highlightsअदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया।आईसीजे के जज यूसुफ के नेतृत्व में 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलों को सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए।

इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था।

आज फैसले को पढ़ते हुए अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। आईसीजे के जज यूसुफ के नेतृत्व में 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलों को सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल दो महीने का समय लगा। भारत ने जाधव तक बार-बार कंसुलर एक्सेस नहीं मिलने पर पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के प्रावधानों का जबरदस्त उल्लंघन करने के लिए आठ मई, 2017 को आईसीजे का रुख किया था। कुलभूषण जाधव का फैसला सर्वसम्मति से है। बेंच पर 16 जजों में से 15 जजों ने इसे वियना कन्वेंशन का उल्लंघन मानते हुए पाकिस्तान के खिलाफ फैसला सुनाया है। असहमति जताने वाले एकमात्र जज पाकिस्तान के जज तसद्दुक हुसैन जिलानी रहे।

केजरीवाल बोले- सच और न्याय की जीत होती है

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि मैं कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक और काउंसलर एक्सेस देने के आईसीजे के फैसले का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। सत्य और न्याय की जीत होती है।हमारी धरती के इस बेटे को अपने परिवार के साथ जल्द वापस आना होगा।

क्या है वियना कन्वेंशन

वियना कन्वेंशन एक अंतरराष्ट्रीय कानून है जो देशों के बीच राजनयिक संबंधों को नियंत्रित करता है। कुलभूषण जाधव मामले में, भारत ने ICJ में तर्क दिया था कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया, क्योंकि उसने कुलभूषण जाधव को सजा से पहले काउंसलर एक्सेस (राजनयिक सहायता) प्रदान नहीं किया था। 

बता दें कि ICJ ने आज फैसला सुनाया कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ICJ के फैसला का स्वागत किया है, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 15: 1 से आया आईसीजे का फैसला एक सर्वसम्मत फैसला है।

कुलभूषण जाधव के चाचा सेवानिवृत्त एसपी सुभाष जाधव ने कहा कि  ICJ से जो फैसला आया है, वह सकारात्मक है, हालांकि पूरी खुशी तब ही होगी जब कुलभूषण रिहा होंगे और भारत लौटेंगे। उन्होंने कहा कि वह कुलभूषण के परिवार, पिता और उनके भाई के संपर्क में थे, लेकिन उस पर कोई बयान नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि परिवार कुलभूषण के वापस आने का इंतजार कर रहा था।

Web Title: ICJ: Court finds that Pakistan deprived India of the right to communicate with and have access to Kulbhushan Jadhav

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