नई दिल्ली, 31 मार्च: सीबीएसई पेपर लीक की जानकारी देने वाले व्हिसल ब्लोअर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की है। उसने कहा है-'जो बंदा पेपर लीक करने वाला था, मैंने उससे यूट्यूब के जरिए संपर्क किया। मैंने 17 मार्च को सीबीएसई, प्रधानमंत्री और पुलिस को अलर्ट किया था लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। मैं सौ फीसदी सुनिश्चित हूं कि राजनीति शास्त्र का पेपर भी लीक हुआ है।'
पेपर लीक को लेकर पुलिस लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ के दौरान ये खुलासा हुआ है कि कुछ परिजनों ने प्रश्न पत्र के लिए 35 हजार तक खर्च किए थे। लेकिन जब पेपर लीक हो गया तो प्रश्न पत्र का दाम घटकर 500 तक आ गया था। जांच में ये बात भी सामने आई है कि दसवीं और बारहवीं के प्रश्न पत्र को लीक करने के लिए दस व्हाट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया गया था, जो कि एनसीआर से ऑपरेट हो रहे थे और हर व्हाट्सऐप ग्रुप में 50-60 लोग जुड़े थे।
सीबीएसई पेपर लीक को लेकर पुलिस ने अब तक 60 लोग से पूछताछ की है। जिसमें 10व्हाट्सऐप ग्रुपों के एडमिन भी शामिल हैं। पुलिस जांच के दौरान ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लीक कहां से हुआ। जांच से ताल्लुक रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि ट्यूटरों और छात्रों से पूछताछ की गई और सभी ने कहा कि उन्हें किसी और से पेपर मिले थे। पुलिस ने गूगल से भी उस ईमेल बारे में जानकारी मांगी है जहां से सीबीएसई की प्रमुख को ईमेल भेजकर बताया गया था कि दसवीं के मैथ का पर्चा लीक हो गया है।