एमबीबीएस सीट ‘बिक्री’ मामले में हुर्रियत नेता, आठ अन्य पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने का इंतजार

By भाषा | Published: November 7, 2021 03:07 PM2021-11-07T15:07:15+5:302021-11-07T15:07:15+5:30

Hurriyat leader, eight others awaiting approval to prosecute in MBBS seat 'sale' case | एमबीबीएस सीट ‘बिक्री’ मामले में हुर्रियत नेता, आठ अन्य पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने का इंतजार

एमबीबीएस सीट ‘बिक्री’ मामले में हुर्रियत नेता, आठ अन्य पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने का इंतजार

(सुमीर कौल)

श्रीनगर, सात नवंबर जम्मू कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान में एमबीबीएस सीटों को कश्मीरी छात्रों को ‘‘बेचने’’ और आतंकवाद के वित्त पोषण और समर्थन में उस पैसे का इस्तेमाल करने से संबंधित मामले में हुर्रियत से जुड़े एक संगठन के नेता तथा दक्षिण कश्मीर के एक वकील समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूर देने के लिए गृह विभाग का रुख किया है।

पुलिस की अपराध जांच शाखा की एक शाखा ‘काउंटर इंटेलीजेंस कश्मीर’ (सीआईके) ने पिछले साल जुलाई में यह मामला दर्ज किया था। उसे विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि हुर्रियत नेताओं समेत कई लोगों ने कुछ शैक्षिक परामर्शी संस्थाओं से हाथ मिलाया है और वे पाकिस्तान में एमबीबीसी सीटें और कई कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों की सीटें ‘‘बेच’’ रहे हैं।

सीआईके ने अगस्त में कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया था।

सीआईके ने विस्तृत जांच करने के बाद जम्मू कश्मीर के गृह विभाग का रुख किया और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी मांगी है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान और सबूत सामने आए जिसमें यह भी पाया गया कि दाखिलों से इकट्ठा हुआ पैसा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए कुछ आतंकी समूहों के साथ-साथ अलगाववादी समूहों को दिया गया।

यह मामला कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधानों को लागू करने में काम आ सकता है क्योंकि हुर्रियत कांफ्रेंस के एक घटक दल सेल्वेशन फ्रंट के प्रमुख मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट उन लोगों में से एक हैं जिन पर सख्त यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी गयी है।

अधिकारियों ने बताया कि जिन गवाहों से पूछताछ की गयी है उनमें से कुछ ने संकेत दिया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की दिमाग की उपज इस ‘‘कार्यक्रम’’ के तहत दाखिला पाने के लिए कई परिवारों ने हुर्रियत नेताओं से संपर्क किया। इस कार्यक्रम का मकसद मारे गए आतंकवादियों के परिवार को निशुल्क एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की सीटें देकर आतंकवाद को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि हालांकि ऐसे मामले भी रहे जिनमें ऐसे परिवारों को निराशा हाथ लगी क्योंकि इन सीटों के बदले में पैसे मांगे गए थे। सीटों की कीमतें 10 से 12 लाख रुपये के बीच थीं और ‘‘कुछ मामलों में वरिष्ठ हुर्रियत नेताओं की ‘सिफारिश’ पर कीमतें कम कर दी गयी।’’

सीआईके के अधिकारियों ने कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तान में एमबीबीएस सीटें ‘‘बेचने’’ और उस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को समर्थन देने तथा उसके वित्त पोषण में करने के आरोप में भट और तीन अन्य को गिरफ्तार किया।

जांच के दौरान यह पाया गया कि कई मामलों में एमबीबीएस और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों में सीटों में उन छात्रों को प्राथमिकता दी गयी जो मारे गए आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों के करीबी या रिश्तेदार थे। इस मामले के सिलसिले में कश्मीर घाटी में करीब 12 परिसरों पर छापे मारे गए।

अधिकारियों ने बताया कि भट के भाई अल्ताफ अहमद भट और गिरफ्तार किए गए एक अन्य व्यक्ति के भाई मंजूर अहमद शाह ने दाखिले कराने में सीमा पार से मदद की।

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Web Title: Hurriyat leader, eight others awaiting approval to prosecute in MBBS seat 'sale' case

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