"आप कितने मूर्ख हो सकते हैं एमके स्टालिन?": तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्य बजट में ‘₹’ का चिन्ह हटाने पर अन्नामलाई ने पूछा
By रुस्तम राणा | Updated: March 13, 2025 16:23 IST2025-03-13T16:23:48+5:302025-03-13T16:23:48+5:30
अन्नामलाई ने कहा, "2025-26 के लिए डीएमके सरकार का राज्य बजट एक तमिल द्वारा डिजाइन किए गए रुपये के प्रतीक को बदल दिया है, जिसे पूरे भारत ने अपनाया और हमारी मुद्रा में शामिल किया।"

"आप कितने मूर्ख हो सकते हैं एमके स्टालिन?": तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्य बजट में ‘₹’ का चिन्ह हटाने पर अन्नामलाई ने पूछा
चेन्नई: तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख अन्नामलाई ने राज्य के बजट में ‘₹’ चिह्न को हटाने और उसकी जगह तमिल अक्षर ‘ரூ’ को शामिल करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार पर निशाना साधा है। एक्स पर एक पोस्ट में, अन्नामलाई ने रुपये के प्रतीक की अवहेलना करने के लिए तमिलनाडु सरकार की आलोचना की, जिसे “एक तमिल द्वारा डिजाइन किया गया था।”
अन्नामलाई ने कहा, "2025-26 के लिए डीएमके सरकार का राज्य बजट एक तमिल द्वारा डिजाइन किए गए रुपये के प्रतीक को बदल दिया है, जिसे पूरे भारत ने अपनाया और हमारी मुद्रा में शामिल किया।" उन्होंने आगे लिखा, "तिरु उदय कुमार, जिन्होंने प्रतीक को डिजाइन किया है, डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं। आप कितने मूर्ख हो सकते हैं, तिरु एमके स्टालिन?"
The DMK Government's State Budget for 2025-26 replaces the Rupee Symbol designed by a Tamilian, which was adopted by the whole of Bharat and incorporated into our Currency.
— K.Annamalai (@annamalai_k) March 13, 2025
Thiru Udhay Kumar, who designed the symbol, is the son of a former DMK MLA.
How stupid can you become,… pic.twitter.com/t3ZyaVmxmq
एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने केंद्र के साथ चल रहे भाषा विवाद के बीच एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 2025 के राज्य बजट में आधिकारिक रुपये के प्रतीक ‘₹’ को बदल दिया है। तमिलनाडु के नए बजट लोगो में अब ‘रुबाई [जिसका अर्थ है रुपया]’ से ‘ரூ’ के लिए तमिल अक्षर शामिल है, जो पिछले बजट में इस्तेमाल किए गए भारतीय मुद्रा प्रतीक की जगह लेता है। बजट लोगो में “सब कुछ सबके लिए” कैप्शन भी है।
इस कदम को तमिलनाडु सरकार के एक बयान के रूप में देखा जा रहा है, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में तीन-भाषा फॉर्मूले को लेकर केंद्र के साथ टकराव किया है, जिसमें राज्य पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया गया है। तमिलनाडु सरकार ने एनईपी की त्रिभाषा नीति को लागू करने से इनकार कर दिया है और केंद्र पर राज्य पर हिंदी थोपने का पिछले दरवाजे से प्रयास करने का आरोप लगाया है।
हिंदी थोपने का विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगर राज्य एनईपी को पूरी तरह लागू नहीं करता है तो वह समग्र शिक्षा योजना के तहत तमिलनाडु को मिलने वाले 2,400 करोड़ रुपये के फंड को रोक देंगे। डीएमके ने कहा है कि वह राज्य की दो-भाषा नीति को जारी रखेगी।