तबलीगी जमात में भाग लेने वालों को शरण देना अपराध कैसे हुआ: अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा

By भाषा | Updated: November 12, 2021 19:43 IST2021-11-12T19:43:05+5:302021-11-12T19:43:05+5:30

How it became a crime to give shelter to Tablighi Jamaat participants: Court asks Delhi Police | तबलीगी जमात में भाग लेने वालों को शरण देना अपराध कैसे हुआ: अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा

तबलीगी जमात में भाग लेने वालों को शरण देना अपराध कैसे हुआ: अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा

नयी दिल्ली, 12 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि तबलीगी जमात में भाग लेने वाले लोगों को पिछले साल कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान आश्रय देने वाले भारतीय नागरिकों ने क्या अपराध किया है।

अदालत ने कहा कि सरकार की अधिसूचना में किसी विशेष स्थान में रह रहे लोगों पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं किया गया था।

तबलीगी जमात में पिछले साल हिस्सा लेने वाले विदेशी नागरिकों को आश्रय देने वालों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने टिप्पणी की कि तबलीगी जमात में भाग लेने वालों ने लॉकडाउन लागू होने से पहले शरण मांगी थी और आवागमन को प्रतिबंधित करने के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर उन पर कोई आरोप नहीं है।

न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, ‘‘अचानक लॉकडाउन लागू हो जाने पर व्यक्ति कहां जाएगा? यहां क्या अपराध हुआ है?... क्या मध्य प्रदेश के निवासियों के दिल्ली की किसी मस्जिद, मंदिर या गुरुद्वारे में ठहरने पर कोई प्रतिबंध है? वे अपनी इच्छानुसार कहीं भी ठहर सकते हैं। क्या इस प्रकार का कोई नोटिस था कि जो भी (उनके साथ) रह रहा था, उसे हर कोई बाहर निकाल देगा?’’

अदालत ने दिल्ली पुलिस को याचिकाओं पर अपना जवाब दायर करने के लिए समय दिया। अभियोजन पक्ष के वकील ने अदालत द्वारा पारित एक पूर्व निर्देश के संदर्भ में विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा और कहा कि उक्त समय पर हर प्रकार की धार्मिक सभाओं पर रोक थी।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने प्रतिवेदन दिया कि तबलीगी जमात में भाग लेने वालों ने लॉकडाउन लागू होने से पहले ही इन परिसरों में रहना शुरू कर दिया था और उनमें से कोई कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया था, इसलिए उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

प्राथमिकी रद्द करने की कुछ याचिकाएं ऐसे व्यक्तियों ने दायर की हैं, जिन्होंने उन विदेशियों को शरण दी थी, जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और लॉकडाउन के कारण यात्रा नहीं कर सकते थे। इसके अलावा याचिका दायर करने वालों में प्रबंध समिति के सदस्य या विभिन्न मस्जिदों की देखभाल करने वाले वे लोग शामिल हैं, जिन पर चांदनी महल पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के तहत मस्जिदों में विदेशी नागरिकों को आवास की सुविधा प्रदान करने का आरोप लगाया गया है।

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Web Title: How it became a crime to give shelter to Tablighi Jamaat participants: Court asks Delhi Police

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