खून जमा देने वाली ठंड में भी सियाचिन में कैसे डटे हैं भारतीय सेना के जवान, देखें वीडियो

By शिवेंद्र राय | Published: December 27, 2022 12:05 PM2022-12-27T12:05:12+5:302022-12-27T12:07:12+5:30

सियाचिन के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा है तो दूसरी तरफ चीन की सीमा है। सियाचिन का तापमान इस समय माइनस 21 डिग्री सेल्सियस है। फिर भी भारतीय सेना के जवान यहां सीना तान कर देश की सुरक्षा में लगे हैं।

How Indian Army soldiers are standing in Siachen watch video | खून जमा देने वाली ठंड में भी सियाचिन में कैसे डटे हैं भारतीय सेना के जवान, देखें वीडियो

सियाचिन का तापमान इस समय माइनस 21 डिग्री सेल्सियस है

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Highlightsबेहद मुश्किल हालात हैं सियाचिन मेंभारतीय सेना माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी डटी हैसियाचिन में सबसे बड़ा दुश्मन मौसम है

नई दिल्ली: पहाड़ों पर इस समय खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है। सियाचिन जैसे दुनिया के सबसे उंचे युद्ध क्षेत्र का तापमान तो इस समय माइनस 21 डिग्री सेल्सियस है। रात में यह तापमान माइनस 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तक भी गिर जाता है। लेकिन इस बेहद कठिन मौसम में भी भारतीय सेना के जवान सीमा पर सीना तान कर खड़े हैं और मौसम से जिंदगी की जंग लड़ते हुए देश की सुरक्षा में लगे हैं। 

भारतीय सेना की राजपूताना राईफल्स की तरफ से ट्वीट करके एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया गया है जिसमें जवान भयंकर बर्फबारी में भी  सियाचिन में गश्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऊंचाई पर तेजी से चलती बर्फीली हवा के बीच भी भारतीय सेना के जवान एक दुसरे के साथ एक सीधी रेखा में चल रहे हैं। बीच-बीच में जवान जांघों तक बर्फ में धंस जाते हैं लेकिन फिर भी उनका हौसला नहीं टूटता।

ऐसा ही एक वीडियो भारतीय सेना की ट्रेनिंग कमांड की तरफ से भी जारी किया गया है जिसमें जवान भयंकर बर्फ और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दुश्मन से लोहा लेने का अभ्यास करते नजर आते हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए सेना की ट्रेनिंग कमांड ने लिखा है कि बर्फीले युद्धक्षेत्र एक चुनौती हैं लेकिन कोई भी चुनौती सेना के माउंटेन वॉरियर्स के लिए बड़ी नहीं है।

बता दें कि सियाचिन को भारत का सबसे बड़ा जबकि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर कहा जाता है।  इसी सियाचिन ग्लेशियर पर भारत ने पाकिस्तान से युद्ध लड़ा था। सियाचिन समुद्र तल से करीब 5753 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और कश्मीर के इस क्षेत्र पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद भी है। यही कारण है कि भारत की सेनाएं चौबीस घंटे इस क्षेत्र की सुरक्षा में तैनात रहती हैं।

इस ग्लेशियर को मौत की घाटी भी कहा जाता है क्योंकि यहां सबसे बड़ा दुश्मन मौसम है। भारत और पाकिस्तान के कई सैनिक कई सैनिक अब तक यहां बर्फ में दब कर अपनी जान भी गवां चुके हैं। यहां तैनात रहने वाले जवानों को खाने के लिए सूखे मेवे दिए जाते। ठंड इतनी ज्यादा होती है कि जवानों को पानी पीने के लिए बर्फ को पिघलाना पड़ता है। 

Web Title: How Indian Army soldiers are standing in Siachen watch video

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