मानवता शर्मसार! मृत बच्चे के परिजनों को अस्पताल में नहीं मिला शव वाहन, बाइक पर ले गए शव
By एस पी सिन्हा | Published: August 13, 2019 04:49 PM2019-08-13T16:49:38+5:302019-08-13T16:49:38+5:30
बिहारः सहरसा जिले के अस्पताल में शव वाहन मौजूद था, लेकिन आयुष के परिजनों को ना तो शव वाहन उपलब्ध कराया गया और ना ही पोस्टमार्टम रूम तक शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर ही दिया गया.
बिहार के सहरसा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां मृत बच्चे के परिजनों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव वाहन तक मुहैया नहीं कराया गया. जिसके बाद परिजन शव को बाइक से ही पोस्टमार्टम रूम तक लेकर गए. बात यहीं तक नहीं रही. पोस्टमार्टम रूम तक पहुंचने के बाद दरवाजा तक किसी ने नहीं खोला. बाद में परिजनों ने खुद से ही पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खोला और शव को अंदर रखा.
परिजनों के मुताबिक, प्रबंधन से उन लोगों ने स्ट्रेचर की मांग भी की. लेकिन उन्हें स्ट्रेचर भी नहीं दिया गया. इस दौरान बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के बाहर करीब एक घंटे तक हाथ में लिये परिजन खड़े रहे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहरसा सदर थाना के मत्स्यगंधा के समीप किराए के मकान में रहनेवाले दिलीप ठाकुर के पुत्र आयुष की मौत आये आंधी-तूफान से हो गई थी. बच्चे को इलाज के लिए परिजन अस्पताल ले गये थे, जहां उसकी मौत हो गई.
परिजनों के मुताबिक, अस्पताल में शव वाहन मौजूद था, लेकिन आयुष के परिजनों को ना तो शव वाहन उपलब्ध कराया गया और ना ही पोस्टमार्टम रूम तक शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर ही दिया गया. जबकि उन लोगों ने प्रबंधन से स्ट्रेचर की मांग भी की लेकिन वो भी नहीं दिया गया.
इस दौरान बच्चे के शव पोस्टमार्टम के बाहर तकरीबन एक घंटे तक अपने हाथ में लिये परिजन खडे रहे. इस पूरे मामले पर सहरसा के सिविल सर्जन ललन प्रसाद सिंह ने घटना को दुखद बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.