तृणमूल कांग्रेस की गुंडागुर्दी, शिक्षिका की जमीन पर जबरन कब्जा, बांध कर घसीटा और पिटाई की और मकान में किया बंद
By भाषा | Published: February 3, 2020 07:35 PM2020-02-03T19:35:53+5:302020-02-03T19:35:53+5:30
शिक्षिका की बहन सोमा ने जब उसे बचाने का प्रयास किया तो हमलावरों ने उसकी भी पिटाई कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी मिलने पर शिक्षिका ने सरकार और तृणमूल कांग्रेस के चार समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों ने गांव में सड़क बनाने के लिए हाई स्कूल की एक शिक्षिका की जमीन पर जबरन कब्जा करने की मंशा से उसे बांध कर सड़क पर घसीटा, उसकी पिटाई की और फिर उसे एक मकान में बंद कर दिया।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि घटना गंगारामपुर ब्लॉक के नंदनपुर पंचायत में शुक्रवार को हुई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सामने आया। घटना को लेकर विपक्षी पार्टियां तृणमूल कांग्रेस पर ‘‘राज्य में गुंडा राज’’ होने का आरोप लगा रही हैं।
हालांकि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने आरोपों को ‘‘आधारहीन’’ बताकर खारिज किया है। महिला की पहचान सरकारी हाई स्कूल की शिक्षिका और भाजपा समर्थक स्मृतिकण दास के रूप में हुई है। ग्राम पंचायत सदस्यों के नेतृत्व में आए इस समूह के लोगों ने शिक्षिका की मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी मारपीट की। अभी तक इस सिलसिले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस ने बताया कि घटना के तथाकथित वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि उसमें नंदनपुर पंचायत के उपप्रधान अमल सरकार और अन्य लोग शामिल हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि घटना में कथित संलिप्तता को लेकर तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने सरकार को पार्टी से निकाल दिया है।
वीडियो में दिख रहा है कि हमलावरों ने शिक्षिका के हाथ पैर बांध दिए हैं, जिसकी वजह से वह गिर गई। उन्होंने शिक्षिका को करीब 30 फुट तक घसीटा और इस दौरान उसे पीटते रहे। फिर हमलावरों ने उसे ब्लॉक स्तर के एक कार्यकर्ता के मकान में बंद कर दिया।
शिक्षिका की बहन सोमा ने जब उसे बचाने का प्रयास किया तो हमलावरों ने उसकी भी पिटाई कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी मिलने पर शिक्षिका ने सरकार और तृणमूल कांग्रेस के चार समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मामले की जांच कर रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शियों से बात कर रहे हैं।’’ वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक वकील द्वारा मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किए जाने के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल कानूनी सहायता प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपे। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन ने राज्य कानूनी सहायता प्राधिकार के सदस्य सचिव को संबंधित जानकारी हासिल कर जल्दी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।