27 मार्च का इतिहास: मुसलमानों को इल्म की राह दिखाने वाले सर सैयद अहमद खान की पुण्यतिथि, अमेरिका ने दी वियाग्रा के इस्तेमाल की मंजूरी
By भाषा | Published: March 27, 2020 08:02 AM2020-03-27T08:02:11+5:302020-03-27T08:02:11+5:30
आज का इतिहास: उर्दू साहित्य के ज्ञाता और कई भाषाओं के जानकार सर सैयद अहमद खान ने मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना की, जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित हुआ।
साल के तीसरे महीने का 27वां दिन वर्ष का 86वां दिन हैं और लीप वर्ष होने पर यह साल का 87वां दिन होता है। अब साल के 279 दिन बाकी हैं। इतिहास में 27 मार्च का यह दिन कई अच्छी बुरी घटनाओं के साथ दर्ज है। 1898 में 27 मार्च ही वह दिन था जब देश के मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा के उजाले से रौशन करने वाले सर सैयद अहमद खान का निधन हुआ था।
उर्दू साहित्य के ज्ञाता और कई भाषाओं के जानकार सर सैयद अहमद खान ने मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना की, जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित हुआ। आज यह विश्वविद्यालय विश्च में मुस्लिम शिक्षा के प्रतिष्ठित स्तंभ के तौर पर जाना जाता है, जहां दुनियाभर से लोग पठन पाठन और अध्ययन के लिए आते हैं। देश दुनिया के इतिहास में 27 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
1668: इंग्लैंड के शासक चार्ल्स द्वितीय ने बांबे (अब मुम्बई) को ईस्ट इंडिया कंपनी के हवाले किया।
1855: अब्राहम गेस्नर ने केरोसिन (मिट्टी के तेल) का पेटेंट लिया।
1898 : भारत के मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरूआत करने वाले सर सैयद अहमद खान की पुण्यतिथि।
1977: स्पेन के कनेरी द्वीपों के मशहूर पर्यटन स्थल टेनेरीफ में दो जंबो जेट हवाई पट्टी पर ही टकरा गए, जिससे 583 लोगों की मौत हो गई।
1990: पश्चिम बंगाल के निंपुरा में एक यात्री बस के एक पुल से टकराकर नीचे गिरने के दौरान बिजली की तारों में अटक जाने से हुए भीषण धमाके में 41 लोगों की करंट लगने से मौत और 21 अन्य बुरी तरह झुलसे।
1998: अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने दवा बनाने वाली कंपनी पीफिजर की दवा वियाग्रा को नपुंसकता के इलाज की दवा के तौर पर इस्तेमाल करने को मंजूरी दी।
2010: भारत ने उड़ीसा के चांदीपुर में परमाणु प्रौद्योगिकी से लैस प्रक्षेपास्त्र धनुष और पृथ्वी 2 का सफल परीक्षण किया।
2011: जापान के फुकुशिमा में भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त परमाणु ऊर्जा संयंत्र की एक इकाई में रेडियोधर्मी विकिरण सामान्य से एक करोड़ गुना अधिक पाया गया।