राफेल डील में HAL की दोबारा एंट्री, भारत में जेट बनाने को लेकर फ्रांसीसी कंपनी से की बातचीत!

By स्वाति सिंह | Published: February 19, 2020 05:30 PM2020-02-19T17:30:19+5:302020-02-19T17:30:19+5:30

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर डसॉल्ट कंपनियों के बीच साझेदारी को लेकर रूपरेखा तैयार नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों ने इस बात कि पुष्टि की है कि अतिरिक्त ऑर्डर के लिए एचएएलके प्लांट्स और विशेषज्ञता का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके संबंध में विस्तार से चर्चा हुई है।

Hindustan Aeronautics Limited (HAL) and Dassault workshare on possible additional Rafale orders | राफेल डील में HAL की दोबारा एंट्री, भारत में जेट बनाने को लेकर फ्रांसीसी कंपनी से की बातचीत!

भारत ने संकेत दिए हैं कि वह कुछ और फाइटर जेट्स खरीदने का ऑर्डर दे सकता है

Highlightsराफेल बनाने के लिए HAL और फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एक साथ आ सकते हैंदोनों कंपनियों ने हाल में मिराज 2000 का बेड़ा अपग्रेड करने पर काम किया था

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर डसॉल्ट ने एक बार फिर भारत में राफेल लड़ाकू विमान बनाने के लिए बातचीत शुरू की है। बताया जा रहा है कि हाल में भारत ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह कुछ और लड़ाकू विमान खरीदने का ऑर्डर दे सकता है।

हालांकि अभी दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी को लेकर रूपरेखा तैयार नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों ने इस बात कि पुष्टि की है कि अतिरिक्त ऑर्डर के लिए एचएएलके प्लांट्स और विशेषज्ञता का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके संबंध में विस्तार से चर्चा हुई है।

बता दें कि ये दोनों कंपनियों ने एक साथ मिलकर 2.1 अरब डॉलर की एक डील काम किया था, जो भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 के बेड़े को अपग्रेड करने से जुड़ी थी।

इकोनॉमिक्स टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों कंपनियों के बीच कुछ दौर की चर्चा हो चुकी है, जिसमें उन्होंने आधुनिक लड़ाकू विमानों के अतिरिक्त ऑर्डर पर कार्यों के संभावित बंटवारे को लेकर चर्चा की है। लेकिन यह भी बताया जा रहा है कि दोनों कंपनियां अपने 2012 के मुद्दे को लेकर अभी भी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। बता दें कि साल 2012 में लोकलाइजेशन और प्राइसिंग के मुद्दे पर इनकी बातचीत टूट गई थी।

वहीं, सोमवार (17 फरवरी) को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि वायुसेना के लिए 114 लड़ाकू विमानों सहित बड़े सैन्य साजो सामान की खरीद की एक नयी नीति अपनाई जाएगी और घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारत अगले चार सालों में 36 और लड़ाकू विमानों को खरीदने का ऑर्डर दे सकता है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार फ्रांस से और अधिक राफेल विमान खरीदेगी। 

फिलहाल फ्रांसीसी कंपनी 36 राफेल जेट्स के लिए मिले ऑर्डर को पूरा करने में जुटी है। यह डील 7.8 अरब डॉलर में हुई थी। उम्मीद जताई गई है कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है। भारत ने 59,000 करोड़ रूपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का ऑर्डर दिया था। चार लड़ाकू विमानों की प्रथम खेप भारत में वायुसेना के अड्डे पर मई 2020 में आएगी। सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। 

Web Title: Hindustan Aeronautics Limited (HAL) and Dassault workshare on possible additional Rafale orders

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