69 साल से फंसे राम मंदिर मुद्दे पर PM के जवाब से संतुष्ट नहीं है VHP, कही ये बड़ी बात
By रामदीप मिश्रा | Published: January 2, 2019 01:46 PM2019-01-02T13:46:26+5:302019-01-02T13:49:39+5:30
आलोक कहा कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रकिया के पूरे होने से पहले कानून लाया जाना चाहिए। हम इस सरकार से संसद में कानून लाने का आग्रह करते रहेंगे। सरकार के पास अधिकार है कि वो मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सके।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं वैसे-वैसे राम मंदिर निर्माण की मांग बढ़ती जा रही है। हिन्दू संगठन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि पीएम मोदी ने एक एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया है राम मंदिर का निर्माण कानून प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जाएगा।
इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने पीएम के बयान पर असहमति जताई है और कहा है कि प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में 31 जनवरी को धर्म संसद में तय होगा कि आगे की रणनीति क्या है। वहीं मौजूद संत तय करेंगे कि आगे क्या किया जाए और इस पर फैसला लेंगे।
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू समाज अदालत के फैसले को अनंत काल तक इंतजार कर सकता है। बीते 69 सालों से राम मंदिर का मुद्दा फंसा हुआ है। यहां तक की सर्वोच्च अदालत में अभी तक जजों की बेंच भी नहीं बनी है, जहां मामले की सुनवाई की जानी है।
उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रकिया के पूरे होने से पहले कानून लाया जाना चाहिए। हम इस सरकार से संसद में कानून लाने का आग्रह करते रहेंगे। सरकार के पास अधिकार है कि वो मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सके। साथ ही साथ अधिकांश सांसदों ने मंदिर निर्माण के लिए संसद द्वारा कानून बनाए जाने का समर्थन किया है।
आपको बता दें, सोमवार (1 जनवरी) को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर साफ किया था कि इस मुद्दे पर कानूनी प्रक्रिया के बाद ही अध्यादेश लाने को लेकर विचार किया जाएगा। राम मंदिर मुद्दे पर कानूनी प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही है क्योंकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने रुकावटें पैदा की हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि राम मंदिर कानून से ही बनेगा।