नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता बांग्लादेश में साम्प्रदायिकता के विरोध में मंगलवार को यहां पड़ोसी देश के उच्चायोग के बाहर सड़कों पर उतर आए, जिससे उच्च सुरक्षा वाले इस इलाके में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गयी। इससे पहले बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना को लेकर विहिप और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ायी गयी थी। इलाके में तीन स्तर पर अवरोधक लगाए गए हैं और पुलिस तथा अर्द्धसैन्य बल की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि वे अवरोधकों पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। प्रदर्शनकारी नारे लगाकर और बैनर व पोस्टर दिखाकर बांग्लादेश सरकार की निंदा कर रहे थे। एक तख्ती में लिखा था, ‘‘हिंदू रक्त की एक-एक बूंद का हिसाब चाहिए।’’ अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की गई हत्या की निंदा की।
अधिकारियों से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और कानून के शासन को बहाल करने का आह्वान किया है। कांग्रेस सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बढ़ती अस्थिरता और अशांति के बीच दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या की कड़ी निंदा की। इलिनॉय से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेशी अधिकारियों से जवाबदेही सुनिश्चित करने, धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और कानून का शासन बहाल करने का आह्वान किया।
कृष्णमूर्ति ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या से मैं स्तब्ध हूं- यह हिंसा का एक ऐसा कृत्य है जो खतरनाक अस्थिरता और अशांति के दौर में हुआ है।’’ उन्होंने कहा, “अधिकारियों ने गिरफ्तारियों की सूचना दी है, लेकिन बांग्लादेश सरकार को पूरी तरह से पारदर्शी जांच करनी चाहिए और सभी दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। उसे हिंदू समुदायों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसा से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई भी करनी चाहिए।
सभी बांग्लादेशियों के हित में, इस अशांति का अंत होना चाहिए और कानून का शासन कायम होना चाहिए।” न्यूयॉर्क विधानसभा की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा से वह ‘‘बेहद परेशान’’ हैं, जिसका सबसे हालिया उदाहरण दास की निर्मम हत्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ ने उन्हें पीटा, आग लगा दी और उनके शव को राजमार्ग पर छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।’’ राजकुमार ने कहा कि यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक उत्पीड़न और लक्षित हिंसा की ‘चिंताजनक’ प्रवृत्ति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ के अनुसार अगस्त 2024 से जुलाई 2025 तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2,442 घटनाएं हुईं और 150 से अधिक मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।