लाइव न्यूज़ :

हिंदू और मुस्लिम की मेलजोल की कहानियों से पता चलता है, दिल्ली हिंसा में सब कुछ समाप्त नहीं हुआ

By भाषा | Updated: March 7, 2020 20:30 IST

मीनाक्षी ने याद करते हुए कहा कि 26 फरवरी की दोपहर में दंगाई मुस्लिम घरों को नुकसान पहुंचाने के लिए वापस आये, दंगाइयों ने मकानों में आग लगाने से पहले लूटपाट की।

Open in App
ठळक मुद्देहिंसा में सब कुछ गंवाने के बावजूद सैमूर खान (42) और मूसा (38) कहते हैं कि उनके भीतर अपने पड़ोसियों के लिए कोई द्वेष नहीं है। नफीस ने हिंसा में 12 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होने का दावा किया।

नयी दिल्ली: उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले सप्ताह एक ओर हिंसक भीड़ ने सड़कों पर उपद्रव मचाया, घरों को आग लगायी और क्रूरता की। वहीं कई निवासियों ने साम्प्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठकर व्यवहार किया, कुछ ने अपने पड़ोसियों और उनके घरों की सुरक्षा सुनिश्चित जबकि कई अन्य ने उन लोगों को अपने घरों में शरण दी जो अपने आवास छोड़ने को बाध्य हुए थे। शिवविहार की पतली गलियां ऐसे मेलजोल की कहानियां कहती हैं। शिवविहार सबसे प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।

फेज सात में मोहसिन खान (35) का दो मंजिला मकान एक जली हुई कार और जले हुए मकानों के बीच खड़ा है। मोहसिन का मकान इसलिए बच गया क्योंकि उनकी पड़ोसी मीनाक्षी (47) ‘आंटीजी’ ने हमलावरों के एक समूह से कहा कि वह उनकी बहन का मकान है। खान ने पीटीआई से कहा, ‘‘यदि ‘आंटीजी’ नहीं होती तो मेरा मकान भी क्षेत्र के बाकी मुस्लिमों की मकानों की तरह ही जला दिया गया होता।’’ मीनाक्षी ने याद करते हुए कहा कि 26 फरवरी की दोपहर में दंगाई मुस्लिम घरों को नुकसान पहुंचाने के लिए वापस आये, दंगाइयों ने मकानों में आग लगाने से पहले लूटपाट की।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वे उसके (खान के) मकान की ओर बढ़े, मैं चिल्लाई यह एक हिंदू का मकान है। मैंने उनसे कहा कि वह मेरी बहन का मकान है। मैं जो कुछ भी कर सकती थी, मुझे वह करना था। मैं कैसे न करती?’’ ओंकार (62) और मोहम्मद गयूर (45) की कहानी भी इसी तरह की है, जो करीब 25 वर्षों से आमने सामने रह रहे हैं। जब हिंसा अपने चरम पर थी तब ओंकार ने अपना मकान अपने मुस्लिम पड़ोसियों के लिए खोल दिया। उन्होंने अपने मकान में गयूर और उनके परिवार सहित कम से कम 35 लोगों को शरण दी।

गयूर के मकान को एक भीड़ द्वारा आग लगा दी गई थी। भूतल पर तीन मोटरसाइकिलों को आग लगा दी गई और ऊपर की मंजिल पर गैस सिलेंडर में विस्फोट से मकान के तीन कमरों में से दो की छत ध्वस्त हो गई। ओंकार ने गयूर का क्षतिग्रस्त मकान दिखाते हुए कहा, ‘‘हम दो दशक से अधिक समय से एकदूसरे के मकान में आते जाते रहे हैं। हम साथ खाते..पीते हैं। हम उन सभी बातों को अचानक एक रात में कैसे भुला देते?’’ हिंसा में सब कुछ गंवाने के बावजूद सैमूर खान (42) और मूसा (38) कहते हैं कि उनके भीतर अपने पड़ोसियों के लिए कोई द्वेष नहीं है।

नफीस ने हिंसा में 12 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होने का दावा किया। नफीस ने कहा, ‘‘हम वर्षों से एकदूसरे के साथ सौहार्द से रह रहे हैं। वे हमारे मित्र हैं। वे हमें कभी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। जो हमसे सब कुछ छीन ले गए वे बाहरी थे।’’ 

टॅग्स :दिल्ली हिंसा
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टदिल्ली दंगों का आरोपी शाहरुख पठान को 4 घंटे की मिली पैरोल तो हीरो की तरह लोगों ने किया स्वागत, बजी सीटियां, वीडियो देखें

भारतजहांगीरपुरी हिंसा: CJI को पत्र लिख मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध, कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

भारतदिल्ली दंगा: अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को जमानत देने से इनकार किया, कहा- प्रथम दृष्टया आरोप सही

भारतदिल्ली: छात्रनेता उमर खालिद की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज, तीन बार टालने के बाद आया आदेश

भारतदिल्ली दंगों में जान गंवाने वाले अंकित शर्मा के भाई को सरकारी नौकरी मिली, सीएम अरविंद केजरीवाल ने सौंपा नियुक्ति पत्र

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की