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Hindi Diwas: इस दिन मनाया गया था पहला हिंदी दिवस, जानिए 14 सितंबर को ही इसे क्यों मनाया जाता है?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 14, 2022 08:20 IST

भारत के संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि राष्ट्र की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी।

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ठळक मुद्दे947 में भारत के आजाद होने के बाद देश के सामने राजभाषा के चुनाव का बड़ा सवाल था। संविधान सभा ने काफी मंथन के बाद हिंदी को राष्ट्र के आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी।

Hindi Diwas: हिंदी उन भाषाओं में शुमार है जो दुनिया में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदी जनमानस की भाषा है और इसे देश की राष्ट्रभाषा बनाने की सिफारिश भी की थी। गांधीजी ने मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सम्मेलन में कहा था- ''जैसे अंग्रेज मादरी जबान यानी अंग्रेजी में ही बोलते हैं और सर्वथा उसे ही व्यवहार में लाते हैं। वैसे ही मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का गौरव प्रदान करें। इसे राष्ट्र भाषा बनाकर हमें अपना  कर्तव्य पालन करना चाहिए।''

हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया, लिहाजा इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया, लेकिन 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।

हिंदी दिवस के अलावा विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है

गौरतलब है कि हिंदी दिवस के अलावा विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। इसे 10 जनवरी को मनाया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने साल 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था। 1975 के बाद से भारत के अलावा दूसरे देशों में भी विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाने लगा।  मॉरीशस, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों में भी हिंदी भाषा प्रेमी रहते हैं, इन देशों में हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

हिंदी दिवस का इतिहास 

1947 में भारत के आजाद होने के बाद देश के सामने राजभाषा के चुनाव का बड़ा सवाल था क्योंकि भारत में सैकड़ों तरह की भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। संविधान सभा ने काफी मंथन के बाद देवनागरी लिपि में लिखी जानेवाली हिंदी को राष्ट्र के आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी।  भारत के संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि राष्ट्र की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाए जाने की घोषणा की। विश्व में हिंदी भाषी करीब 70 करोड़ लोग हैं। यह तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। 1.12 अरब बोलने वालों की संख्या के साथ अंग्रेजी पहले स्थान पर है।

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