गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई बड़े पैमाने पर हिंसा को लेकर बंगाल की ममता बनर्जी वाली तृणमूल सरकार को घेरते हुए बड़ा आरोप लगाया कि पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा के बीच लगभग 150 लोगों को अपनी जान बचाने के लिए बंगाल छोड़ना पड़ा और असम में शरण लेना पड़ा है।
सीएम सरमा ने बीते मंगलवार को कहा, "लगभग 150 लोग पश्चिम बंगाल से शरणार्थी के तौर पर असम में आए हैं। आने वाले लोगों ने बताया कि वे पंचायत चुनावों में हिंसा में जान गंवाने के डर से असम में आए हैं। आने वाले सभी लोगों को असम सरकार ने आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की हैं। अभी की स्थिति में लगभग 133 लोग राहत कैंप में रह रहे हैं।“
वहीं सीएम हिमंत सरमा के इस बयान पर बंगाल भाजपा के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वो बंगाल के पीड़ितों अपने राज्य में आश्रय देने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का आभार प्रगट करते हैं। जबकि ममता सरकार की कैबिनेट मंत्री शशि पांजा ने सीएम सरमा के बयान को तथ्य से परे और असत्य बताते हुए कहा कि असम के सीएम झूठ की मुनादी बजा रहे थे और लोगों के बीच डर की भावना पैदा कर रहे हैं।
मालूम हो कि बीते शनिवार को पश्चिम बंगाल के ग्रामीण निकाय चुनाव के दौरान हुई झड़पों में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई और मतदान के दौरान कई मतपेटियों को तोड़ने की खबरें सामने आयीं। आक्रोशित लोगों ने मतपत्रों को आग लगा दी और कई स्थानों पर पर बमबाजी की घटनाएं भी हुईं।
जानकारी के अनुसार 8 जून को चुनाव प्रक्रिया शुरू होने और तारीखों की घोषणा होने के बाद से राज्य में मरने वालों की कुल संख्या 30 से अधिक हो गई है। वहीं 63,229 ग्राम पंचायत सीटों वाले इस चुनाव के नतीजों पर बात करें तो तृणमूल ने 31,192 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि विपक्षी दल भाजपा ने 8,427 सीटें जीती हैं। वहीं लेफ्ट दलों 2,856 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 2,225 सीटें आयी हैं।