शिमला, 11 दिसंबर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों के वेतन की विसंगतियों के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा करने संबंधी विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसके बाद पार्टी सदस्यों ने शनिवार को सदन से बहिर्गमन किया।
धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस के कई अन्य विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार को स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया।
विधानसभा अध्यक्ष परमार ने कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पहले ही इस संबंध में प्रश्न पूछे थे जो 13 दिसंबर को प्रश्नकाल के लिए सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि इस पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की जरूरत है और इसकी अनुमति से इनकार कर दिया।
जब प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया तो कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की और विधानसभा से बहिर्गमन किया।
बाद में, संसदीय मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए वेतन विसंगतियां कांग्रेस सरकार द्वारा 2015 में बनाई गई नीति के कारण पैदा हुई थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के तरीके खोजने के लिए पहले ही एक समिति का गठन कर दिया है।
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