साक्षात्कारः हिमाचल के मुख्यमंत्री की कुर्सी आज एक बस ड्राइवर के बेटे के पास है, क्या कांग्रेस में माहौल बदल रहा है? सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया ये जवाब

By शरद गुप्ता | Published: December 14, 2022 10:05 AM2022-12-14T10:05:47+5:302022-12-14T10:07:38+5:30

कैसा लग रहा है नई जिम्मेदारी पाकर? इस सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर ने कहा कि एक पल में पूरा जीवन बदल गया है। मैं अपनी मारुति जेन खुद चलाता था। अक्सर ट्रैफिक में फंस जाता था। मैंने कभी निजी सुरक्षाकर्मी (पीएसओ) तक नहीं रखा। लेकिन अब चारों ओर सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों से घिरा हूं।

himachal pradesh Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu Interview by sharad gupta | साक्षात्कारः हिमाचल के मुख्यमंत्री की कुर्सी आज एक बस ड्राइवर के बेटे के पास है, क्या कांग्रेस में माहौल बदल रहा है? सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया ये जवाब

साक्षात्कारः हिमाचल के मुख्यमंत्री की कुर्सी आज एक बस ड्राइवर के बेटे के पास है, क्या कांग्रेस में माहौल बदल रहा है? सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया ये जवाब

Highlightsएक पल में पूरा जीवन बदल गया है। मैं  अपनी मारुति जेन खुद चलाता थाः सुखविंदर सिंह सुक्खू

एक रोडवेज बस ड्राइवर के बेटे सुखविंदर सिंह सुक्खूहिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद बहुत व्यस्त हो गए हैं। सुबह सात से शुरू होने वाला उनका दिन, रात ढाई-तीन बजे से पहले खत्म ही नहीं हो रहा है। उन्होंने लोकमत समूह के वरिष्ठ संपादक (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता से अपने सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर बात की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश...

कैसा लग रहा है नई जिम्मेदारी पाकर?
एक पल में पूरा जीवन बदल गया है। मैं अपनी मारुति जेन खुद चलाता था। अक्सर ट्रैफिक में फंस जाता था। मैंने कभी निजी सुरक्षाकर्मी (पीएसओ) तक नहीं रखा। लेकिन अब चारों ओर सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों से घिरा हूं। कहीं भी जाना हो, सायरन बजाती गाड़ियों में झट से पहुंच जाता हूं। सही है कि मुख्यमंत्री का समय कीमती होता है, बहुत काम रहता है इसलिए हर पल बचाना जरूरी है। लेकिन अब मेरा अपना कोई निजी जीवन नहीं रह गया है। खुला जीवन जीने वाला व्यक्ति अब बंधन महसूस कर रहा है। कुछ समय लगेगा इस नई दिनचर्या से कदमताल बिठाने में।

कभी राजघरानों के पास रहने वाली हिमाचल के मुख्यमंत्री की कुर्सी आज एक बस ड्राइवर के बेटे के पास है। क्या कांग्रेस में माहौल बदल रहा है?

बिल्कुल। इस बार जीत कर आने वाले विधायकों में बहुत से मेरे जैसे कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं जो तीस-चालीस सालों से अलग-अलग चुनाव जीतते चले आ रहे हैं। अब कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता भी बड़े से बड़े पद की आशा कर सकते हैं। आज मैं कह सकता हूं कि स्वर्गीय राजीव गांधीजी का जमीनी कार्यकर्ताओं को सशक्त करने का सपना साकार होता दिख रहा है।

क्या ऐसे लोगों को अपने मंत्रिमंडल में जगह देंगे?
क्यों नहीं। अपने सभी अनुभवी विधायकों और पार्टी हाईकमान से बात कर मंत्रिमंडल के स्वरूप को आकार दिया जाएगा। लेकिन उससे पहले मैं और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्रीजी राजस्थान में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधीजी के साथ कुछ समय चलेंगे।

अभी सिर्फ आपने और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली है। मंत्रिमंडल का विस्तार कब तक संभव है?
इसके बारे में हमारे प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्लाजी बता पाएंगे। इस बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता। वैसे ही जैसे दो दिन पहले तक मुुझे भी यह नहीं पता था कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

अपने राजनीतिक सफर के बारे में बताइए?
मैं एकदम जमीन से उठकर यहां तक पहुंचा हूं। अपने कॉलेज छात्र संघ में महामंत्री और अध्यक्ष बना। छह साल तक एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष रहा। कॉलेज जाने से पहले सुबह छह से आठ बजे तक दूध बेचता था। दस साल तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस का  अध्यक्ष बना। शिमला नगर निगम के पार्षद का चुनाव दो बार जीता। छह साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहा। चौथी बार विधायक बना हूं और अब पहली बार मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली है। अभी तक का सफर चुनौतीपूर्ण रहा है और मैंने सभी चुनौतियों को अपनी पूरी क्षमता से निभाने की कोशिश की है।

आपको सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। कितनी मुश्किल आने की आशंका है खास तौर पर मंत्रिमंडल में  जगह नहीं बना पाने वाले असंतुष्टों से?
मैंने संगठन में बहुत लंबा समय बिताया है। वीरभद्र सिंहजी के मुख्यमंत्री रहते प्रदेश अध्यक्ष बना। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।  राज्य का सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहा हूं। 28 सालों तक संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाने के दौरान सबको साथ में लेकर चलने का अनुभव रहा है। मेरा मानना है कि संगठन चलाना कहीं ज्यादा मुश्किल है सरकार चलाने से। इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई ज्यादा मुश्किल सामने आने वाली है।

आपने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा किया है जबकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। कैसे कर पाएंगे यह?
अभी हम छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने के मॉडल का अध्ययन करेंगे। देखेंगे कि उन्होंने इसे कैसे लागू किया है। उसी तरह से हिमाचल में भी लागू करेंगे। हमारे मंत्रिमंडल की बैठक तो होने दीजिए।

आपने प्रदेश की सभी महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने का वादा अपने चुनाव प्रचार में किया। इसे कैसे पूरा कर पाएंगे?
अभी सरकार का गठन तो हो जाने दीजिए। जब सब साथ बैठेंगे तो आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। रास्ते भी निकल आएंगे। अभी देखेंगे प्रदेश की कितनी महिलाएं इनकम टैक्स के दायरे में आती हैं। इस पर भी विचार होगा कि क्या उन्हें भी इस योजना के दायरे में लाना चाहिए या नहीं।

आपने एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा भी किया है। इसे कैसे पूरा करेंगे?
अभी एक बार सचिवालय में प्रवेश तो करने दीजिए, इस पर भी फैसला ले लिया जाएगा। देखेंगे कि उनमें से कितनों को सरकारी नौकरी में लिया जा सकता है और कितनों को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाई जा सकती है। लेकिन इतना भरोसा जरूर दिलाऊंगा कि हमने जनता से जितने भी वादे किए हैं सभी पूरे किए जाएंगे।

शपथ ग्रहण के बाद आप अपने कार्यालय जाने के बाद एक अनाथालय गए थे। यह फैसला क्यों लिया?
मुझे हमेशा लगता था कि अनाथ बच्चे दुनिया में सबसे अधिक असहाय होते हैं। उनकी देखभाल केवल उनके शिक्षक करते हैं और उनके पास भी सीमित संसाधन और शक्तियां होती हैं। इसीलिए मैं अनाथालय जाकर सभी बातें खुद देखना चाहता था। मैंने अधिकारियों से एक ऐसी कार्य योजना बनाने को कहा है जिसमें हर अनाथ बच्चे को, जब तक वह पढ़ना चाहता है, तब तक समुचित आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके। इस योजना को हम अपने बजट में शामिल करेंगे।

Web Title: himachal pradesh Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu Interview by sharad gupta

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