हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटाया गया, सुक्खू सरकार को 'तानाशाह' बताया था

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 6, 2024 05:45 PM2024-03-06T17:45:20+5:302024-03-06T17:46:51+5:30

कांग्रेस का फैसला शर्मा द्वारा कांग्रेस आलाकमान की आलोचना करते हुए एक्स पर एक लंबा नोट पोस्ट करने के कुछ ही मिनट बाद आया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को 'तानाशाह' बताया था।

Himachal Congress rebel MLA Sudhir Sharma removed from the post of AICC secretary | हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटाया गया, सुक्खू सरकार को 'तानाशाह' बताया था

कांग्रेस ने बुधवार, 6 मार्च को सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटा दिया

Highlightsकांग्रेस ने बुधवार, 6 मार्च को सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटा दियावह हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायकों में से एक हैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ अपने हमले में काफी मुखर रहे

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार, 6 मार्च को सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटा दिया। वह हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायकों में से एक हैं। सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ अपने हमले में काफी मुखर रहे हैं। 

पार्टी के एक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इसके बाद सुधीर शर्मा ने पलटवार करते हुए एक्स पर पोस्ट किया और लिखा कि भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। 

कांग्रेस का फैसला शर्मा द्वारा कांग्रेस आलाकमान की आलोचना करते हुए एक्स पर एक लंबा नोट पोस्ट करने के कुछ ही मिनट बाद आया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को 'तानाशाह' बताया था।

कार्यकर्ताओं के नाम लिखे खत में सुधीर शर्मा ने कहा, "प्रिय हिमाचल वासियों, मेरे सामाजिक सरोकार, विकास के लिए मेरी प्रतिबद्धता और जन हित के लिए हमेशा आगे खड़े रहना मेरे खून में है और मुझे विरासत में मिला है। यह जज्बा मुझे सनातन संस्कृति और उस शिव भूमि ने दिया है जिसमें मैं पैदा हुआ हूं। मुझे तो साफगोई , ईमानदारी। जनता के साथ खड़े रहने की आंतरिक शक्ति पिताजी से ही विरासत में मिली। साथ ही यह सीख भी उन्हीं से मिली कि अन्याय के आगे कभी शीश मत झुकना और सीना तानकर डट जाना। पहाड़ के लोग ऊसूलो   पर चलने वाले भावनात्मक लोग होते हैं और जो सीख उन्हें मिलती है, उसे ताउम्र अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेते हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, "प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाने के लिए हमने दिन-रात कितनी मेहनत की थी, इस बारे हाई कमान ने भले ही अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी हो लेकिन आप सब से तो यह छिपा नहीं है। हमारा संघर्ष छिपा नहीं है। आपके सहयोग से, आपके भरोसे से निरंतर आगे बढ़े हैं और इलाके के विकास और जनहित को हमेशा सर्वोपरि रखा है। अग्रिम मोर्चे पर खड़े होकर प्रदेश हित की लड़ाई लड़ी है। कुर्सी पाने के लिए चापलूसी को अधिमान नहीं दिया। तलवे चाटने की राजनीति नहीं की बल्कि इलाका वासियों के साथ कहीं अन्याय होते देखा तो राजनीतिक नफा नुकसान को तरजीह देने की बजाय सरकार में रहते हुए भी अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। मेरे जैसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को नीचा दिखाने के लिए घिनौनी हरकतें की जा रही थी, यहां तक कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी तो फिर खामोश कैसे बैठ जा सकता था।"

Web Title: Himachal Congress rebel MLA Sudhir Sharma removed from the post of AICC secretary

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