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उच्च न्यायालय ने कुपोषण से बच्चों की मौत होने पर महाराष्ट्र सरकार को कार्रवाई के लिए चेताया

By भाषा | Updated: August 23, 2021 16:16 IST

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बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को राज्य के आदिवासी क्षेत्र में कुपोषण के कारण बच्चों की मौत होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ 2007 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुपोषण के कारण राज्य के मेलघाट क्षेत्र में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की मौतों की अधिक संख्या पर प्रकाश डाला गया था। याचिका में क्षेत्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्त्री रोग विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों और रेडियोलॉजिस्ट की कमी पर भी चिंता जताई गयी। याचिकाकर्ता ने सोमवार को उच्च न्यायालय की पीठ को सूचित किया कि पिछले एक साल में इस क्षेत्र में कुपोषण के कारण 73 बच्चों की मौत हुई है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता नेहा भिड़े ने अदालत को बताया कि इस मुद्दे के समाधान के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इस पर अदालत ने कहा, ‘‘अगर आपका (सरकारी) तंत्र इतना चाक चौबंद है तो कुपोषण के कारण बच्चों की मौत की 73 घटनाएं क्यों हुई हैं?’’ इसे गंभीर मामला बताते हुए पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 तक राज्य के आदिवासी क्षेत्र में कुपोषण के कारण कितने बच्चों की मौत हुई है और उन क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भेजे गए डॉक्टरों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा। अदालत ने कहा, ‘‘अगर सुनवाई की अगली तारीख को हमें सूचित किया जाता है कि कुपोषण के कारण अधिक बच्चों की मौतें हुई हैं, तो हम राज्य के जन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जिम्मेदार ठहराएंगे। जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव को इससे बेहतर तरीके से निपटना होगा।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम जन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को आगाह कर रहे हैं। अगर छह सितंबर (सुनवाई की अगली तारीख) तक हम सुनते हैं कि कोई और मौतें हुई हैं तो हम बहुत सख्त रुख अपनाएंगे और कार्रवाई करेंगे।’’ अदालत ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया, जिसमें बताना होगा कि राज्य सरकार को कुपोषण के मुद्दे से निपटने के लिए कितना धन स्वीकृत किया गया है और केंद्र स्थिति की निगरानी कैसे कर रहा है। अदालत मामले में छह सितंबर को सुनवाई करेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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