प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की “वास्तविक जन्मभूमि” पर पूजा की अनुमति मांगने से संबंधित मामले की सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी। यह मुकदमा निचली अदालत में चल रहा है और भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि कथित तौर पर ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह के कब्जे में है।
उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया। सुनवाई की अगली तारीख रजिस्ट्रार द्वारा बाद में तय की जाएगी। न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की एक याचिका पर यह आदेश पारित किया।
बोर्ड ने मथुरा के जिला न्यायाधीश के 19 मई 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। अपने 19 मई के आदेश में, पुनरीक्षण अदालत ने निचली अदालत को मामले की सुनवाई करने और उसमें उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया था।
साल 2020 में मथुरा की सिविल कोर्ट में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के वाद मित्रों के तौर पर एक मुकदमा दाखिल किया गया था। इस मुकदमे में श्री कृष्ण जन्मस्थान से सटी हुई शाही ईदगाह मस्जिद की 13 एकड़ जमीन से मस्जिद को हटाए जाने और विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी।
भाषा इनपुट के साथ