उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी के परिणाम रद्द किये, दो माह के भीतर नये परिणाम जारी करने के आदेश

By भाषा | Published: June 7, 2021 07:46 PM2021-06-07T19:46:46+5:302021-06-07T19:46:46+5:30

High Court cancels 6th JPSC results, orders to issue new results within two months | उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी के परिणाम रद्द किये, दो माह के भीतर नये परिणाम जारी करने के आदेश

उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी के परिणाम रद्द किये, दो माह के भीतर नये परिणाम जारी करने के आदेश

रांची, सात जून झारखंड उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी परीक्षा के 21 अप्रैल 2020 को जारी अंतिम परिणाम को नियमों का पालन न करने के चलते रद्द कर दिया है और झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को आठ सप्ताह के भीतर नियमों का पालन करते हुए नये परिणाम जारी करने के आदेश दिये हैं।

झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया जिसमें उसने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को निरस्त कर दिया। पीठ ने इस वर्ष 12 फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि जेपीएससी ने राज्य के 326 प्रशासकीय पदों के लिए 2016 में विज्ञापन जारी किये थे और इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा 18 दिसंबर 2016 को ली गयी थी। जेपीएससी ने इन पदों के लिए मुख्य परीक्षा 28 जनवरी 2019 से एक फरवरी 2019 तक आयोजित की। मुख्य परीक्षा के परिणाम 15 फरवरी 2020 को जारी किये गये। इसके बाद उसी वर्ष 24 फरवरी से परीक्षार्थियों के साक्षात्कार लिये गये और परीक्षाओं के अंतिम परिणाम 21 अप्रैल 2020 को जारी कर दिये गये। इस परिणाम के आधार पर आयोग ने 29 मई 2020 को परीक्षार्थियों की नियुक्ति की भी अनुशंसा कर दी थी, लेकिन आयोग पर आरोप लगे कि उसने मुख्य परीक्षा के अंकों का योग करते हुए हिंदी/अंग्रेजी भाषा के लिए मुख्य परीक्षा में ली जाने वाली अर्हता परीक्षा के अंक भी जोड़ दिये जो नियमों का उल्लंघन था, क्योंकि विज्ञापन में ही साफ तौर पर लिखा गया था कि हिंदी/अंग्रेजी भाषा की परीक्षा सिर्फ अर्हता परीक्षा होगी जिसमें न्यूनतम अंक पाने पर ही उम्मीदवारों के मुख्य परीक्षा की मेरिट लिस्ट में स्थान दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति द्विवेदी की एकल पीठ ने अपने आदेश में माना है कि प्रथम पेपर (हिंदी व अंग्रेजी) के अर्हतांक को मुख्य परीक्षा के कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना गलत है। इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों का पुनरीक्षित परिणाम जारी किया जाए, जिसमें भाषा के पेपर में प्राप्त अर्हतांक को कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाए और सभी पेपर में वर्ग के अनुसार न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले को ही मेधा सूची में शामिल किया जाए।

पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया है कि जेपीएससी आठ सप्ताह के भीतर पुनरीक्षित परिणाम जारी करे और उसके आधार पर ही नियुक्ति के लिए सरकार को अनुशंसा करे।

झारखंड उच्च न्यायालय के आज के आदेश से 326 पदों पर नियुक्त हो चुके पदाधिकारियों की नौकरी प्रभावित होगी। पिछले वर्ष ही जेपीएससी की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने इनकी नियुक्ति की थी।

इससे पहले 12 फरवरी को न्यायालय ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सोमवार को पीठ ने इस मामले में यह अहम फैसला सुनाया। इस संबंध में दिलीप कुमार सिंह व प्रदीप राम सहित कई परीक्षार्थियों ने याचिकाएं उच्च न्यायालय में दाखिल की थीं।

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Web Title: High Court cancels 6th JPSC results, orders to issue new results within two months

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