जानिए 26 नवम्बर को क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2018 08:00 AM2018-11-26T08:00:46+5:302018-11-26T08:00:46+5:30
Constitution Day 2018: संविधान दिवस मनाने की घोषणा मोदी सरकार ने की थी और इसे 26 नवम्बर 2015 से मनाया जा रहा है। इस दिन को 'राष्ट्रीय कानून दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
भारत में हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर को याद करता है। भारतीय संविधान को दुनिया के सबसे बेहतरीन संविधान में से एक कहा जाता है। क्योंकि यह हर किसी को समानता का अधिकार देता है। यूजीसी ने भी देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया है कि वे 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाएं। संविधान दिवस मनाने की घोषणा मोदी सरकार ने की थी और इसे 26 नवम्बर 2015 से मनाया जा रहा है। इस दिन को 'राष्ट्रीय कानून दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
भारतीय संविधान को तैयार करने में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का सबसे अहम योगदान रहा है। उन्हें भारत के संविधान का जनक कहा जाता है। देश की आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रुप में सेवा करने का निमंत्रण दिया था। इसके बाद उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारुप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।
दरअसल वर्ष 1949 में 26 नवम्बर के दिन ही संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था जिसे 26 जनवरी 1950 को प्रभावी किया गया था। इसलिए इस दिन को भारतीय सरकार ने संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। भारत के संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 महिना 18 दिन लगे थे।
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का 50 वां संस्करण पेश किया. इस बार उन्होंने कार्यक्रम में 'संविधान दिवस' का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसी दिन हमारा संविधान बन कर तैयार हुआ था। जिसे बनाने में संविधान सभा को 2 वर्ष 11 महिना 18 दिन लगे. उन्होंने साथ ही ये भी कहा, 'देश को संविधान को अपनाये हुए इस बार 70 साल हो जायेंगे'। संविधान दिवस मनाने का मुख्य मकसद संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर को सच्ची श्रधांजलि देना है।
इस बार संविधान दिवस इसलिए भी खास हैं क्योंकि पहली बार ब्रेल लिपि में लिखी गई संविधान को जारी किया जायेगा। इसे पांच भागों में जारी किया जायेगा. इसे एक बौद्ध संस्था ने सावी फाउंडेशन के साथ मिल कर तैयार किया है।