झारखंड विधानसभा में 8 जुलाई को बहुमत साबित करेंगे हेमंत सोरेन, विधायकों को एकजुट रखना बनी है बड़ी चुनौती
By एस पी सिन्हा | Updated: July 7, 2024 15:22 IST2024-07-07T15:22:47+5:302024-07-07T15:22:58+5:30
इस दौरान राज्य के 13वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वासमत हासिल करेंगे। लेकिन विधानसभा में विधायकों को एकजुट रखना भी हेमंत सोरेन के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है।

झारखंड विधानसभा में 8 जुलाई को बहुमत साबित करेंगे हेमंत सोरेन, विधायकों को एकजुट रखना बनी है बड़ी चुनौती
पटना: झारखंड की कमान एक बार फिर से संभालने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आठ जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। इसके लिए सुबह 11 बजे से यह सत्र बुलाई गई है। इस दौरान राज्य के 13वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वासमत हासिल करेंगे। लेकिन विधानसभा में विधायकों को एकजुट रखना भी हेमंत सोरेन के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है।
बता दें कि जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले चंपई सोरेन ने सीएम की कुर्सी खाली कर दी थी। ऐसा पहली बार हुआ कि हेमंत सोरेन ने अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वह अपने साथ सहयोगी दलों के एक-एक विधायक को जरूर मंत्री पद की शपथ दिलाते थे।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बने हुए 3 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक वह अपने मंत्रियों का नाम तय नहीं कर पाए हैं। इससे राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब हेमंत सोरेन को अपनी कैबिनेट तय करने में इतना वक्त लग रहा है।
कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन को सहयोगी दलों की वजह से ज्यादा अपनी पार्टी की आंतरिक कलह अधिक परेशान कर रही है। इसके साथ ही हेमंत सोरेन की सबसे बड़ी दुविधा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को एडजस्ट करने की है। उन्हें सत्ता में शामिल भी कर लेंगे तो भी यह उनका डिमोशन होगा। वैसे भी चंपई सोरेन के सहारे भाजपा ने हेमंत सोरेन पर आदिवासी नेता का अपमान करने का आरोप लगाया है।
इसके साथ ही सियासी गलियारे में इस बार हेमंत सोरेन की पत्नी व गांडेय विधायक कल्पना सोरेन को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा काफी जोरों पर है। मंत्रिमंडल विस्तार पर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने माने तो इस बार झामुमो से एक नये मंत्री का चेहरा सामने आ सकता है। दरअसल, हाल के दिनों में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन जिस तरह से झारखंड की राजनीति में सक्रिए हुई हैं, उसके मुताबिक आने वाले दिनों उन्हें निश्चित तौर पर उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री को छोड़कर 6-4-1 के फॉर्मूले के तहत कैबिनेट का विस्तार होगा। अर्थात हेमंत सोरेन कैबिनेट में इस बार 6 झामुमो, 4 कांग्रेस और 1 राजद कोट से मंत्री बन सकते हैं। सूत्रों के अनुसार नए कैबिनेट में मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, दीपक बिरूआ, हफीजुल हसन, बेबी देवी, सत्यानंद भोक्ता का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
इस बीच विश्वासमत के दौरान हेमंत सोरेन को मुश्किलों का भी सामना करना पड सकता है। लोकसभा चुनाव में झामुमो से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम व चमरा लिंडा फिलहाल पार्टी से निलंबित हैं। पिछले दिनों हुई सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में लोबिन हेंब्रम व चमरा लिंडा शामिल नहीं हुए थे।
ऐसे में इनका वोट किस ओर जायेगा इस पर सबकी निगाहें लगी है। इसके साथ ही अब तीन विधायकों की वोटिंग पर सबकी नजर है। इसमें जयप्रकाश भाई पटेल, लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा पर सबकी निगाहें ट्क गई हैं। भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर हजारीबाग सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा है।
उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। जयप्रकाश भाई पटेल की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण के तहत दल-बदल का मामला दर्ज कराया है। फिलहाल मामला न्यायाधिकरण में विचाराधीन है। ऐसे में जेपी पटेल के सदन में इनकी भूमिका पर भी कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं।
इसके साथ ही विधानसभा के चार सदस्य जोबा मांझी, नलिन सोरेन, ढुलू महतो व मनीष जायसवाल लोकसभा चुनाव जीत कर संसद में चले गये हैं। इन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया है। झामुमो विधायक सीता सोरेन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होकर दुमका सीट से चुनाव लड़ीं।
उन्होंने पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्पीकर ने स्वीकार भी कर लिया है। इस तरह विधान सभा में भी खेला होने की चर्चा होने लगी है।