अब तक आधार कार्ड पर काफी हाय-तौबा मचता रहा है। लेकिन तमिलनाडु के बिजनेसमैन मुथैया नादर के लिए आधार कार्ड मददगार साबित हुआ है। तमिलनाडु का ये बिजनेसमैन पिछले छह महीने से यूपी के रायबरेली जिले के रालपुर में भिखारी का जीवन जी रहा था। लोगों से मांग-मांगकर अपना गुजारा कर रहा था।
13 दिसंबर को जब ये अंनगपुरम स्कूल के कैंपस में खाना की तलाश में भटक रहा थे तब स्वामी भास्कर स्वरूप जी महाराजा का ध्यान उनकी तरफ गया। उनके आदेश के बाद मुथैया को आश्रम लाया गया। स्वामी के शिष्य जब उन्हें नहलाने ले गए तो उनके पास से उन्हें आधार कार्ड मिला। साथ ही करोड़ों की एफडीआई के डाक्यूमेंट मिलें।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आधार कार्ड पर दिए डिटेल्स पर जब उन लोगों ने पता किया तो भिखारी दिखनेवाले मुथैया नादर तमिलनाडु के बिजनेसमैन निकले। स्वामी के पता देने के बाद बिजनेसमैन की बेटी अपने पिता को लेने के लिए रायपुर पहुंची। मुथैया की बेटी ने बताया कि ट्रेन यात्रा के दौरान वो उनसे बिछड़ गए थे। शायद जहरखुरानी गैंग का शिकार हो गए हैं। जिसकी वजह से उनकी याददाश्त चली गई है।