दिल्ली-NCR में धूल भरी आंधी के साथ प्री-मॉनसून का इंतजार खत्म, वायु चक्रवात की वजह से 40 ट्रेनें रद्द
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 12, 2019 08:47 PM2019-06-12T20:47:14+5:302019-06-12T20:47:14+5:30
वेस्टर्न रेलवे ने वायु चक्रवात के मद्देनजर 40 ट्रेनों को रद्द होने और 28 ट्रेनों के आंशिक रूप से रद्द होने की घोषणा की है। वेस्टर्न रेलवे ने वायु चक्रवात से प्रभावित लोगों को निकालने के लिए 3 स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है।
राजधानी दिल्ली और दिस्ली एनसीआर में बुधवार( 12 जून) शाम को धूल भरी आंधी और गरज के साथ बौछारें पड़ने से तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के लिए प्री-मॉनसून का इंतजार खत्म हो गया। मौसम में बदलाव की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर अस्थायी रूप से फ्लाइट ऑपरेशन कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया था।
आईएमडी के मुताबिक दिल्ली के पालम में अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्री-मॉनसून में देरी के बीच पिछले सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पारा रेकॉर्ड 48 डिग्री पर पहुंच गया था।
Heavy dust storm hits Janpath Road and India Gate, in Delhi. pic.twitter.com/WqiYvZq8Kq
— ANI (@ANI) June 12, 2019
इधर वेस्टर्न रेलवे ने वायु चक्रवात के मद्देनजर 40 ट्रेनों को रद्द होने और 28 ट्रेनों के आंशिक रूप से रद्द होने की घोषणा की है। वेस्टर्न रेलवे ने वायु चक्रवात से प्रभावित लोगों को निकालने के लिए 3 स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है।
Western Railway: In addition to the earlier 15 trains, 25 more mainline trains have been cancelled, while in addition to the earlier 16 trains, 12 other mainline trains will be short terminated with partial cancellation as a precautionary measure in the #VayuCyclone prone areas. https://t.co/sj54W0Sz7P
— ANI (@ANI) June 12, 2019
गुजरात के तट पर गुरूवार की सुबह चक्रवात ‘वायु’ की आशंकाओं के बीच 1.6 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया है। इन क्षेत्रों के बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा की दृष्टि से कामकाज रोक दिया गया है। मौसम की ताजा जानकारी के अनुसार यह चक्रवात अब ‘बेहद गंभीर’ की श्रेणी में आ गया है और यह अब दक्षिण के वेरावल से पश्चिम में द्वारिका तक कहीं भी गुरूवार दोपहर तक तट से टकरा सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह तूफान दक्षिण में 280 किलोमीटर दूर है और इसके उत्तर की तरफ बढ़ने की आशंका है। यह तूफान 155-160 से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से द्वारिका और वेरावल के मध्य तट से टकरा सकता है। तट पर पहुंचने के बाद चक्रवात के सौराष्ट्र एवं कच्छ के समांतर बढ़ने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुये राज्य के दस जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 45 सदस्यों वाले राहत दल की करीब 52 टीमें गठित की गई हैं और सेना की दस टुकड़ियों को तैयार रखा गया है। इसके अलावा भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और विमानों को भी तैयार रहने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को सुरक्षित रहने के लिए स्थानीय एजेंसियों द्वारा मुहैया कराई जा रही जानकारी का अनुसरण करते रहने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा है, ‘‘चक्रवात वायु से प्रभावित होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा और हित के लिए प्रार्थना करता हूं। सरकार और स्थानीय एजेंसी जानकारी मुहैया करा रही हैं, जिसका मैं प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों से अनुसरण करने का अनुरोध करता हूं।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। राज्य सरकार ने बताया कि चक्रवात से कच्छ, मोरबी, जामनगर, जूनागढ़, देवभूमि-द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, अमरेली, भावनगर और गिर-सोमनाथ जिले प्रभावित हो सकते हैं।