Coronavirus impact: वो दिल दहला देने वाला दृश्य था.. लाचार बेटे ने वीडियो कॉल से देखा पिता का अंतिम संस्कार
By भाषा | Published: March 15, 2020 08:06 AM2020-03-15T08:06:58+5:302020-03-15T08:06:58+5:30
जब एंबुलेंस से पिता का पार्थिव शरीर ले जाया जा रहा था तब वह अस्पताल के अपने कमरे की खिड़की से उन्हें आखिरी बार जाते हुए देख रहा था। उसने वीडियो कॉल के जरिए अपने पिता का अंतिम संस्कार होते देखा। एबेल ने 12 मार्च को अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “ यदि मैं डॉक्टर के पास नहीं आया होता तो अपने पिता को आखिरी बार देख पाता। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि संक्रमित होने की सूरत में मैं यह बीमारी दूसरों में नहीं फैलाना चाहता था।
कोट्टायमः वह दिल दहलाने वाला दृश्य था जब एक लाचार बेटा अस्पताल के पृथक वार्ड की खिड़की से अपने पिता के पार्थिव शरीर को ले जाते हुए देख रहा था। कोरोना वायरस से प्रभावित और कतर से आठ मार्च को लौटा केरल का रहने वाला 30 वर्षीय लिनो एबेल अस्पताल में भर्ती अपने पिता के अंतिम क्षणों में उनके साथ रहना चाहते था। लिनो के पिता बिस्तर से गिर गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि कोविड-19 से प्रभावित देश से यात्रा करने और हल्की खांसी से ग्रस्त होने के कारण वह स्वयं स्वास्थ्य अधिकारियों के पास गया जिसके बाद उसे अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कर दिया गया। स्ट्रोक पड़ने के बाद उसके पिता की हालत बिगड़ने लगी और नौ मार्च को उनकी मौत हो गयी। उसी अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी लिनो अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाया।
जब एंबुलेंस से पिता का पार्थिव शरीर ले जाया जा रहा था तब वह अस्पताल के अपने कमरे की खिड़की से उन्हें आखिरी बार जाते हुए देख रहा था। उसने वीडियो कॉल के जरिए अपने पिता का अंतिम संस्कार होते देखा। एबेल ने 12 मार्च को अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “ यदि मैं डॉक्टर के पास नहीं आया होता तो अपने पिता को आखिरी बार देख पाता। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि संक्रमित होने की सूरत में मैं यह बीमारी दूसरों में नहीं फैलाना चाहता था। कृपया यात्रा करने वाले सभी लोग स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट करें। यदि आप अपने कुछ दिन दे देंगे तो आप अपना बाकी समय अपने परिवार के साथ खुशी से बिता सकते हैं। पृथक वार्ड कोई यातना शिविर नहीं है।” अस्पताल में भर्ती अपने पिता के पास ना जाकर खुद को पृथक सेवा में सौंपने के लिनो के इस फैसले की मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सहित कई लोगों ने सराहना की। विजयन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद था। यह युवक इतनी लंबी यात्रा कर अपने पिता से मिलने आया। यहां पहुंचने के बाद भी वह अपने पिता से आखिरी बार नहीं मिल पाया बल्कि सामाजिक प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी दिखाते हुए उसने स्वयं को स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंप दिया।” वायरल हो चुके फेसबुक पोस्ट में लिनो ने लिखा था कि अस्पताल में भर्ती अपने पिता के साथ समय बिताने के लिए वह केरल में आया था।
गिरने की वजह से उसके पिता के शरीर में आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था। लिनो ने लिखा, ‘‘मैंने हवाई अड्डे पर आवश्यक फॉर्म भरे और अस्पताल पहुंच गया। मेरे शरीर का तापमान सामान्य होने के बाद भी मैंने सभी से दूरी बनाए रखी। मेरे गले में थोड़ी खांसी और खराश हो रही थी। मैंने अपने परिवार और दोस्तों के बारे में सोचने के बाद डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया।” वह उसी अस्पताल के कोरोना वार्ड में डॉक्टर से मिला और कतर से यात्रा करने के कारण पृथक वार्ड में भर्ती हो गया। उन्होंने आगे लिखा, “देर रात पापा को स्ट्रोक आया और उनकी मृत्यु हो गई। मैं उनके बहुत करीब था लेकिन पृथक वार्ड में होने के कारण मैं उनसे मिल भी नहीं सकता था।” हालांकि लिनो की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है और वह जल्द ही इडुक्की जिले के थोडुपुझा स्थित अपने घर लौट जाएंगे।