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भगौड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को कोर्ट से राहत, प्रत्यर्पण रोकने की अपील मंजूर

By भाषा | Updated: July 2, 2019 18:00 IST

माल्या को कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जाना है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या ने कहा कि जब उन्होंने रॉयल्स कोर्ट आफ जस्टिस में प्रवेश किया तो वह काफी सकारात्मक महसूस कर रहे थे।

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ठळक मुद्देअदालत में न्यायमूर्ति जॉर्ज लेगाट तथा एंड्रूय पॉपलवेल ने माल्या की वकील क्लेयर मॉन्टगोमेरी की दलीलें सुननी शुरू कीं।पहले ही दस्तावेज के जरिये अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में हार चुके हैं।

भारतीय बैंकों के 9 हज़ार करोड़ रुपये लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन की अदालत से बड़ी राहत मिली है। भारत प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ माल्या की अपील को लंदन हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

बता दें कि मंगलवार को लंदन हाईकोर्ट में माल्या के भारत प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने अदालत को बताया कि ये केस भारत में शुरू हुआ, उन बैंकों को एयरलाइन की पूरी जानकारी थी उन्हें पता था कि उसकी कोई गारंटी नहीं है। वकील की ओर से कहा गया है कि जो भी डॉक्यूमेंट हैं, उनमें ऐसा कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंकों को माल्या की वित्तीय स्थिति की पूरी जानकारी थी।

वकील ने यह भी तर्क दिया कि विजय माल्या के पक्ष में दिए गए दस्तावेजों को ठीक से नहीं माना गया है। इससे पहले कोर्ट के अंदर से जाने से पहले विजय माल्या ने मीडिया से कहा कि मेरे मामले का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। परिवार सकारात्मक महसूस कर रहा है। भारत सरकार से मेरा केवल यही अनुरोध है कि मैं कोई रियायत नहीं चाहता, पैसा है, आप 100 प्रतिशत धन वापस ले सकते हैं।

विजय माल्या के मामले की सुनवाई कोर्ट रूम नंबर 3 में हुई। विजय माल्या की ओर से वकील क्लेयर और आनंद दुबे कोर्ट में मौजूद रहे, सुनवाई के दौरान सिद्धार्थ माल्या भी अदालत पहुंचे।

विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए एजेंसियां काफी दिनों से मशक्कत कर रही हैं, ऐसे में उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द उसे लाया जा सके। विजय माल्या ने प्रत्यर्पण को लेकर अपील की थी, अगर ये अपील रद्द होती तो उसके पास अंतरराष्ट्रीय कोर्ट या फिर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जाने का भी रास्ता होता।

अदालत में न्यायमूर्ति जॉर्ज लेगाट तथा एंड्रूय पॉपलवेल ने माल्या की वकील क्लेयर मॉन्टगोमेरी की दलीलें सुननी शुरू कीं। पहले ही दस्तावेज के जरिये अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में हार चुके हैं। अब इसी सप्ताह उनके नये आवेदन पर मौखिक सुनवाई होगी।

लंदन में रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस के प्रशासनिक अदालत खंड की दो जजों की पीठ अप्रैल में दायर इस अपील पर सुनवाई करेगी। उन्होंने अदालत से कहा कि प्रत्यर्पण का आग्रह करने वाली भारत सरकार या ब्रिटेन के गृह मंत्री ने इसमें प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया है।

ऐसे में यह संकेत मिलता है कि माल्या के बचाव पक्ष को ही निचली अदालत के प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति का आधार पेश करना है। 

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