परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने स्वयं को अलग किया

By भाषा | Published: May 18, 2021 03:12 PM2021-05-18T15:12:11+5:302021-05-18T15:12:11+5:30

Hearing on the plea of Parambir Singh, Justice B.C. R. Gawai separated himself | परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने स्वयं को अलग किया

परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने स्वयं को अलग किया

नयी दिल्ली, 18 मई उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से मंगलवार को स्वयं को अलग कर लिया। याचिका में सिंह ने अपने खिलाफ चल रही सभी जांच महाराष्ट्र के बाहर स्थानांतरित करने तथा किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति विनीत शरण तथा न्यायमूर्ति गवई की अवकाश पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया।

मामले की सुनवाई शुरू होने पर न्यायमूर्ति शरण ने कहा, ‘‘भाई (न्यायमूर्ति गवई) को इस मामले पर सुनवाई में कुछ परेशानी है। हम कहना चाहते हैं कि इस मामले को किसी अन्य पीठ के पास भेज दिया जाए।’’

न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘इस मामले पर मैं सुनवाई नहीं कर सकता।’’

पीठ ने कहा, ‘‘किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए जिसमें हम शामिल नहीं हों।’’

सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ जांच ‘‘पूरी तरह से बदले की भावना से प्रेरित है’’ और उच्चतम न्यायालय तथा बंबई उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है।

सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था और महाराष्ट्र राज्य होमगार्ड का जनरल कमांडर बना दिया गया था। गृह मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें पद से हटाया गया था।

बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। आरोपों के बाद देशमुख को भी इस्तीफा देना पड़ा था।

उच्चतम न्यायालय में नई याचिका दायर कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एवं उसकी एजेंसियों ने उनके खिलाफ कई जांच बैठाई है। उन्होंने इन्हें महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरित करने और सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया।

सिंह को कई जांच का सामना करना पड़ रहा है जिसमें एक मामला 2015 का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून से जुड़ा हुआ है और उन्होंने इसे राज्य की एजेंसी द्वारा बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है।

मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख ने नई याचिका में राज्य सरकार, सीबीआई और महाराष्ट्र पुलिस को पक्षकार बनाया है।

सिंह ने उच्चतम न्यायालय में पहले दायर याचिका में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी और दावा किया था कि उन्होंने निलंबित अधिकारी सचिन वाजे सहित पुलिस अधिकारियों से बार एवं रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Hearing on the plea of Parambir Singh, Justice B.C. R. Gawai separated himself

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे