सभी वकीलों को कोविड-19 का टीका लगने के बाद ही अदालतों में उपस्थिति के साथ सुनवाई शुरू हो:याचिका
By भाषा | Published: February 24, 2021 03:41 PM2021-02-24T15:41:59+5:302021-02-24T15:41:59+5:30
नयी दिल्ली,24 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय में एक वकील ने बुधवार को एक याचिका दायर कर अनुरोध किया कि 15 मार्च से सभी न्यायाधीशों द्वारा प्रत्यक्ष सुनवाई करने का फैसला तब तक टाल दिया जाए, जब तक कि सभी वकीलों को कोविड-19 का टीका नहीं लग जाता है।
उच्च न्यायालय ने 20 फरवरी को कार्यालय आदेश जारी कर कहा था कि उसके (उच्च न्यायालय के) और अधीनस्थ अदालतों के सभी न्यायाधीश 15 मार्च से प्रत्येक दिन मामलों की प्रत्त्यक्ष सुनवाई करेंगे।
वर्तमान में, अधीनस्थ अदालतें न्यायाधीशों की उपस्थिति के साथ एक-एक दिन के अंतराल पर सुनवाई करती है, जबकि उच्च न्यायालय की 11 पीठ प्रतिदिन उपस्थिति के साथ (अदालती) कार्यवाही करती है।
यह याचिका अधिवक्ता मानशवी झा ने दायर की है। उन्होंने याचिका के जरिए अनुरोध किया है कि या तो वकीलों और उनके कर्मचारियों को भी अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मी के अनुरूप टीकाकरण किया जाए, या 20 फरवरी के आदेश को तब तक के लिए टाल दिया जाए जब तक कि सभी वकीलों तथा उनके कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं हो जाता है।
झा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कोविड-19 का खतरा अभी कम होने से कोसों दूर है। हालांकि दिल्ली में इसके मामले घटे हैं लेकिन महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और केरल में संक्रमण के मामले अब भी बढ़ रहे हैं। साथ ही, इस बात का की आशंका है कि लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध के अभाव के चलते इसका असर जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी पर भी देखने को मिल सकता है।
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