स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों से एंटीबायोटिक लिखते समय लक्षण, कारण बताने का आग्रह किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 19, 2024 05:56 PM2024-01-19T17:56:38+5:302024-01-19T17:58:45+5:30

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने सभी दवा विक्रेताओं से औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों की अनुसूची एच और एच1 को सख्ती से लागू करने और एंटीबायोटिक दवाओं की बिना पर्चे के होने वाली बिक्री बंद करने और उन्हें केवल योग्य डॉक्टर के नुस्खे पर ही बेचने की अपील की है।

Health Ministry urges doctors to mention symptoms reasons while prescribing antibiotics | स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों से एंटीबायोटिक लिखते समय लक्षण, कारण बताने का आग्रह किया

फाइल फोटो

Highlights एंटीबायोटिक दवाओं की बिना पर्चे के होने वाली बिक्री बंद करने की अपील उन्हें केवल योग्य डॉक्टर के नुस्खे पर ही बेचने की अपील की हैमेडिकल कॉलेजों के सभी डॉक्टरों और सभी मेडिकल एसोसिएशन को संबोधित है पत्र

नयी दिल्ली:  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संगठनों के डॉक्टरों से आग्रह किया है कि वे एंटीबायोटिक दवा लिखते समय अनिवार्य रूप से लक्षण, कारण बताएं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने सभी दवा विक्रेताओं से औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों की अनुसूची एच और एच1 को सख्ती से लागू करने और एंटीबायोटिक दवाओं की बिना पर्चे के होने वाली बिक्री बंद करने और उन्हें केवल योग्य डॉक्टर के नुस्खे पर ही बेचने की अपील की है। 

गोयल ने एक जनवरी को लिखे पत्र में कहा कि एंटीमाइक्रोबियल (रोगाणुरोधी) दवाओं का दुरुपयोग और अति प्रयोग दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के विकास में मुख्य कारकों में से एक है। उन्होंने कहा, "अनुसंधान के साथ कुछ नए एंटीबायोटिक दवाओं के आने के साथ, विवेकपूर्ण तरीके से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल प्रतिरोध को रोकने या देरी करने में एकमात्र विकल्प है।"  मेडिकल कॉलेजों के सभी डॉक्टरों और सभी मेडिकल एसोसिएशन को संबोधित पत्र में कहा गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) मानवता के सामने आने वाले शीर्ष वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। 

यह अनुमान लगाया गया है कि 2019 में वैश्विक स्तर पर 12.7 लाख मौतों के लिए बैक्टीरियल एएमआर सीधे तौर पर जिम्मेदार था और 49.5 लाख मौतें दवा प्रतिरोधी संक्रमण से जुड़ी थीं। यह प्रतिरोधी रोगाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और उपचार को खतरे में डालता है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर बीमारी होती है और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। उपचार की विफलता से लंबे समय तक संक्रामकता बनी रहती है। शुरुआत के उपचार के विफल रहने पर बाद के इलाज के लिए दवाओं की लागत भी काफी बढ़ जाती है। 

पत्र में कहा गया है,  "दवा व्रिकेताओं को औषधि और प्रसाधन नियमों की अनुसूची एच और एच1 को लागू करने और केवल वैध नुस्खे पर एंटीबायोटिक बेचने के लिए याद दिलाया जा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि डॉक्टर एंटीमाइक्रोबियल लिखते समय नुस्खे पर लक्षण लिखें।’’ इसमें कहा गया, ‘‘सभी डॉक्टरों से तत्काल अपील की जाती है कि वे एंटीमाइक्रोबियल लिखते समय लक्षण,कारण, औचित्य लिखना एक अनिवार्य अभ्यास बनाएं। एएमआर के मामलों को कम करने के लिए एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आपके सहयोग की आशा है।"

 भारत में सभी दवा विक्रेता संघों को लिखे पत्र में गोयल ने कहा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत, एंटीबायोटिक दवाओं को अनुसूची एच के तहत निर्दिष्ट दवाओं की सूची में शामिल किया गया है, जिन्हें केवल एक पंजीकृत डॉक्टर के नुस्खे पर खुदरा रूप से बेचा जाना आवश्यक है। कुछ उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबायोटिक एचआई दवाओं की सूची में शामिल हैं। पत्र में कहा गया है, "देश के सभी दवा विक्रेताओं से तत्काल अपील की जाती है कि वे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम की अनुसूची एच और एच1 को सख्ती से लागू करें और एंटीबायोटिक दवाओं की बिना डॉक्टर के नुस्खे के बिक्री बंद करें और उन्हें केवल एक योग्य डॉक्टर के नुस्खे पर ही बेचें।"

(इनपुट- भाषा)
 

Web Title: Health Ministry urges doctors to mention symptoms reasons while prescribing antibiotics

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे