नकली दवाओं को लेकर सख्त हुई सरकार, मनसुख मंडाविया ने कहा- दवाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 20, 2023 04:18 PM2023-06-20T16:18:06+5:302023-06-20T16:20:36+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आश्वासन दिया कि दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी दवाओं की गुणवत्ता पर मोलभाव नहीं करेगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि भारत में नकली दवाओं पर शून्य-सहिष्णुता की नीति है। मनसुख मंडाविया का ये बयान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दुनिया भर में भारत में बने 7 कफ सिरप को ब्लैक लिस्ट में डालने के बाद आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आश्वासन दिया कि दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी दवाओं की गुणवत्ता पर मोलभाव नहीं करेगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं कि नकली दवाओं से किसी की मौत न हो।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सख्त कार्रवाई करते हुए भारत में बने 7 कफ सीरप पर बैन लगा दिया था। इनके सेवन के बाद कई देशों स्वास्थ्य पर गलत असर की रिपोर्ट आई थी। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया था कि भारत में बने एक कफ सीरप के सेवन के बाद उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने भी जांच शुरू की थी।
बीते कुछ महीनों में नाइजीरिया, गांबिया और उज्बेकिस्तान में ऐसे कई लोगों की मौत हुई है जिसे कफ सिरप पीने से जोड़ा गया। नोएडा की मैरियन बायोटेक, चेन्नई की ग्लोबल फार्मा, पंजाब की QP फार्माकेम और हरियाणा की मेडेन फार्मास्यूटिकल्स सहित कई अन्य फार्मा कंपनियां इस जांच के दायरे में हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह भी कहा कि नकली भारत निर्मित कफ सिरप के कारण होने वाली मौतों के बारे में कुछ तिमाहियों में चिंता जताने के बाद 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को कारोबार बंद करने के लिए कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के कफ सिरप 9 देशों में बेचे गए हैं। कफ सिरप और उसमें पाये जाने वाले प्रोपलिन ग्लाइकोल की मात्रा को लेकर गुणवत्ता पर सवाल उठे थे।