स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन बोले-कोरोना वायरस ने रूप बदला, नागरिकों ने सतर्कता घटाई, दूसरी लहर आई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2021 09:51 PM2021-06-18T21:51:20+5:302021-06-18T21:53:00+5:30
स्वास्थ्य मंत्रालय में इस कवायद का मकसद सभी कर्मचारियों को मास्क वितरित करना है और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से शुरू कर इसे अन्य कर्मचारियों तक भी पहुंचाया जाएगा।
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के स्वरूप बदलने और नागरिकों के कोविड संबंधी सावधानी कम करने की वजह से मामलों की संख्या बढ़ी और यह दूसरी लहर में तब्दील हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को मास्क वितरित करने के बाद वर्धन ने यह टिप्पणी की। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यद्यपि यह कदम प्रतीकात्मक है लेकिन विभिन्न उद्योगों और कॉर्पोरेट घरानों के लोग और पदों पर बैठे राजनेता इस कदम का अनुकरण कर एक नेक सीरीज शुरू कर सकते हैं और कोविड अनुकूल आचरण के जरिये हर किसी को कोविड-19 से बचाने के लिये इसे जनआंदोलन में तब्दील कर सकते हैं।
कोविड-19 को रोकने के लिये सरकार ने पिछले साल लगातार काम किया
स्वास्थ्य मंत्रालय में इस कवायद का मकसद सभी कर्मचारियों को मास्क वितरित करना है और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से शुरू कर इसे अन्य कर्मचारियों तक भी पहुंचाया जाएगा। बयान में उनके हवाले से कहा गया, “कोविड-19 को रोकने के लिये सरकार ने पिछले साल लगातार काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम मामलों को घटाकर न्यूनतम करने में काफी सफल रहे।” बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, “हालांकि, इस साल की शुरुआत में टीकों के आने से चीजें वापस पटरी पर लौट रही हैं, लोग कोविड अनुकूल आचरण के सामान्य नियमों के पालन में कोताही करने लगे। वायरस ने जहां उत्परिवर्तित होकर अपना स्वरूप बदला, हमनें अपनी सतर्कता कम कर दी। इन सबकी वजह से मामले बढ़े और दूसरी लहर में तब्दील हुए।”
इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “देश के कई हिस्से दूसरी लहर के बाद धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया को अपना रहे हैं, लेकिन हम कोताही नहीं बरत सकते और मामलों को फिर से बढ़ा नहीं सकते।” उन्होंने दोहराया कि मास्क सबसे आसान, सबसे असरदार और कोरोना के सभी स्वरूपों के खिलाफ सबसे ताकतवर हथियार है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान: आरबीआई लेख
कोरोना वायरस महामारी की अप्रैल-मई में आई विनाशकारी दूसरी लहर से उत्पादन के संदर्भ में देश को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक लेख में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ के बाद इस बार दूसरी लहर की रोकथाम के लिये राज्यों के स्तर पर लगाये गये ‘लॉकडाउन’ की वजह से असर मुख्य रूप से घरेलू मांग के संदर्भ में रहा।
ग्रामीण मांग पर प्रतिकूल असर पड़ा
आरबीआई की मासिक पत्रिका में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के लेख में कहा गया है, ‘‘इसीलिए दूसरी लहर के कारण 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान हुआ है।’’ इसके अलावा, इस लहर का असर छोटे शहरों और गांवों पर भी पड़ा। इससे ग्रामीण मांग पर प्रतिकूल असर पड़ा।
सरकारी खर्च से पिछले साल जो असाधारण तेजी देखने को मिली थी, इस बार स्थिति वैसी रहने की संभावना नहीं है। लेख में कहा गया है, ‘‘अच्छी बात यह है कि आपूर्ति स्थिति से जुड़े कई मामलों में स्थिति बेहतर है। इसमें कृषि और संपर्क रहित सेवाएं (डिजिटल सेवाएं) शामिल हैं जो महामारी के बीच अपना काम पहले की तरह कर रही हैं।
कोविड-19 टीकाकरण की गति
वहीं औद्योगिक उत्पादन और निर्यात बढ़ा है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में कोविड-19 टीकाकरण की गति और पैमाना आर्थिक पुनरुद्धार के रास्ते को तय करेगा। अर्थव्यवस्था में महामारी तथा पहले से मौजूद चक्रीय और संरचनात्मक बाधाओं से पार पाने की जरूरी क्षमता और मजबूती है।’’
इसमें कहा गया है कि टीका स्वयं से महामारी का खात्मा नहीं करेगा। ‘‘हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा, टीके के साथ स्वास्थ्य सेवाओं, ‘लॉजिस्टिक’ और अनुसंधान में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।’’ लेख के अनुसार, ‘‘महामारी वास्तविक परिणामों के साथ एक वास्तविक झटका है।
इसलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुनरुद्धार व्यापार निवेश और उत्पादकता वृद्धि की ठोस नींव पर तैयार हो।’’ लेख में यह साफ किया गया है कि ये लेखकों के अपने विचार हैं और कोई जरूरी नहीं है कि आरबीआई के विचारों को प्रतिबिंबित करे।