हेट स्पीच: द्वेष फैलाने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक के अधिकारियों को तलब करेगी दिल्ली विधानसभा की समिति

By स्वाति सिंह | Published: August 18, 2020 06:54 AM2020-08-18T06:54:47+5:302020-08-18T08:36:35+5:30

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर को लेकर सोमवार को फेसबुक निशाने पर आ गयी तथा कांग्रेस एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस समाचार की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की कि फेसबुक भाजपा के कुछ नेताओं को लेकर घृणा भाषणों के नियमों को लागू नहीं करती।

Hateful content: Delhi assembly committee will summon Facebook officials | हेट स्पीच: द्वेष फैलाने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक के अधिकारियों को तलब करेगी दिल्ली विधानसभा की समिति

आरोपों पर सावधानीपूर्वक चर्चा करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का फैसला किया है।

Highlightsदिल्ली विधानसभा समिति फेसबुक पर लगे आरोपों पर उसके अधिकारियों को तलब करेगी। वॉल स्ट्रीट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर की पृष्ठभूमि में यह कदम सामने आया है।

नयी दिल्ली: शांति और सौहार्द पर दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया मंच फेसबुक के खिलाफ भारत में “जानबूझकर और इरादतन द्वेषपूर्ण सामग्री को लेकर कार्रवाई नहीं करने” के आरोपों पर उसके अधिकारियों को तलब करेगी। वॉल स्ट्रीट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर की पृष्ठभूमि में यह कदम सामने आया है।

खबर में फेसबुक में काम करने वालों के साक्षात्कारों का उल्लेख करते हुए दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलअंदाजी की थी। दिल्ली विधानसभा की समिति के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्राप्त हुई शिकायतों में लगाए गए आरोपों पर सावधानीपूर्वक चर्चा करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का फैसला किया है।

दिल्ली हिंसा में फेसबुक के अधिकारियों की भूमिका!

इसमें कहा गया, “इसके मद्देनजर यह समिति को तत्काल संज्ञान लेने और इस बात पर श्रमसाध्य रूप से विचार करने के लिये मजबूर करती है कि कहीं दिल्ली में हाल में हुए दंगों में फेसबुक के अधिकारियों की कोई भूमिका अथवा साठगांठ तो नहीं थी।” बयान में कहा गया, “फेसबुक के संबंधित अधिकारियों और सबसे महत्वपूर्ण अंखी दास को पेशी के लिये आने वाले समय में समन भेजा जाएगा, जिससे समिति की प्रासंगिक कार्यवाहियों में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो और समिति इस हफ्ते अपनी कार्यवाही शुरू करने के लिये बैठक बुलाएगी।” दास भारत, दक्षिण और मध्य एशिया में फेसबुक की लोकनीति निदेशक हैं। 

फेसबुक ने दी सफाई 

अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है। इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम हिंसा को बढ़ावा देने वाले भाषणों और सामग्री पर रोक लगाते हैं। हम वैश्विक स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं। इसमें किसी राजनीतिक दल या विचारधारा का ध्यान नहीं दिया जाता।” अधिकारी ने कहा, “हम जानते हैं कि अभी और बहुत कुछ करने की जरूरत है, हम प्रवर्तन की दिशा में प्रगति कर रहे हैं। किसी तरह के पक्षपात को रोकने के लिए हम नियमित रूप से अपनी प्रक्रियाओं का ऑडिट करते हैं।’’ (भाषा इनपुट के साथ )

English summary :
A committee of the Delhi Legislative Assembly on peace and harmony said on Monday that the social media platform would summon its officials against Facebook on allegations of "willfully and willfully not taking action against malicious content" in India.


Web Title: Hateful content: Delhi assembly committee will summon Facebook officials

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