हरियाणाः किसान की जेल में मौत के बाद सियासी बवाल, लोन ना चुकाने पर हुई थी सजा
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 3, 2018 11:33 AM2018-10-03T11:33:08+5:302018-10-03T11:33:08+5:30
किसान की मौत के बाद प्रशासन ने उसका ऋण माफ करने और परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
भिवानी, 3 अक्टूबरः लोन ना चुका पाने को लेकर हरियाणा के भिवानी जिला जेल भेजे गए एक किसान की मौत हो गई। बीती रात उसके सीने में दर्द की शिकायत के बाद सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत से नाराज परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। इतना ही वह भिवानी के तहसीलदार के ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार 65 वर्षीय रणबीर सिंह को 10 पहले ही जेल भेजा गया था। उन पर 9.65 का लोन ना चुकाने का मामला था। उनकी मौत से नाराज परिजनों ने ना केवल लोन माफ करने की मांग की, बल्कि उनकी मौत को लेकर मुआवजे की भी मांग की। इसको लेकर वे भिवानी के तहसीलदार के ऑफिस के सामने करीब नौ घंटे तक धरने पर बैठे रहे। बाद में उन्हें बलपूर्वक वहां से हटाना पड़ा।
सामाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक एक शख्स ने अपने भाई की जेल के भीतर मरने के लिए विवश होने पर मजबूर करने का आरोप लगाया। शख्स ने किसान के भाई होने का दावा किया। उसने कहा, "उसके सारे लोन अब हटाए जाने चाहिए। साथ ही उसके परिवार को इसके लिए मुआवजा मिला चाहिए।"
जबकि मामले में पुलिस का कहना है, "उसे दो साल की सजा सुनाई गई थी। जेल में जैसे ही उसकी तबीयत खराब हुई थी, उसे अस्पताल भेज दिया गया था। वहां उसकी मौत हो गई।"
Bhiwani: Man alleges his brother who was in prison for non-payment of loan has died in custody, says, "His loan should be waived off&compensation given to his family." Police says, "He was sentenced to 2 yrs in prison. When he fell ill, he was shifted to hospital, where he died." pic.twitter.com/rwW046KFGU
— ANI (@ANI) October 3, 2018
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में बताया गया कि भिवानी के डिप्टी कमिश्नर अंशज सिंह ने परिवार को मुआवजे को लेकर आश्वासन दे दिया है। जानकारी अनुसार अंशज सिंह ने परिवार को पांच लाख रुपये तक का ऋण माफ करने देने का आश्वासन दिया है। साथ ही उन्होंने परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने की भी बात कही है।
बताया जाता है कि साल 2016 में एक ट्रायल कोर्ट ने रणबीर सिंह को लोन ना चुकाने के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। लेकिन उसने अपनी सजा के फैसले को भिवानी सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन सेशन कोर्ट ने उसकी सजा जारी रखते हुए 21 सितंबर को जेल भेजने का फैसला सुना दी।
मामले में एसडीएम सुरेश कुमार कासवन का कहना है, "रणबीर की मौत संभवतः हार्ट अटैक से हुई है। अभी उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है। वह पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा।" जबकि परिवार का आरोप है उसकी मौत लोन और परिवार के तनाव के चलते हुई है।
बैंक से 3 लाख की उधारी ली थी रणबीर ने, ब्याज चढ़कर हो गए 9 लाख से ज्यादा
जानकारी के अनुसार रणबीर के कुल पांच बच्चे हैं। उनके पास करीब नौ एकड़ जमीन है। साल 1995 में रणबीर ने 1.5 लाख रुपये का लोकन लेकर एक खेती के लिए एक ट्रैक्टर लिया था। यह लोन बैंक भूमि बंधक बैंक से लिया गया था। अब इसे हरियाणा के कोऑपरेटिव कृषि एंव ग्रामीण विकास बैंक के नाम से जानते हैं।
इसके बाद उसने साल 2006 में करीब 1.5 लाख रुपये का एक अन्य लोन लिया। इसके इंस्टॉलमेंट उसने समय पर नहीं भरे। इसके कारण ये तीन लाख के लोन साल 2016 में 9.65 लाख रुपये में तब्दील हो गए थे।
किसान की मौत मामले ने ली राजनैतिक शक्ल
अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। मामले में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (इनलो) के विधायक ओम प्रकाश गुप्ता, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जिंदल व दूसरी पार्टियों के नेताओं ने परिवार की लड़ाई लड़ने की बात कही है। कांग्रेस लेजिस्लेटिव पार्टी (सीएलपी) की नेता किरण चौधरी ने सरकार से परिवार को 50 लाख रुपये की मां की है।