ले लो, ले लो, बाजार सजा है, वादों का अंबार लगा है. इन दिनों हरियाणा में यही शोर है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणापत्रों के जरिए लोगों को अपनी तरफ लुभाने में लगी हैं. वोट के लिए एक से बढ़कर एक वादे कर रही हैं. ऐसा लगता है कि लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए सभी पार्टियों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है. सभी पार्टियां खुद को लोगों की सबसे ज्यादा शुभचिंतक दिखाने के प्रयास में हैं. वादों का इतना अंबार लगाया जा रहा है, जैसे सत्ता में आने के बाद किसी की कोई समस्या ही नहीं रह जाएगी.
कांग्रेस के घोषणापत्र पर यकीन किया जाए तो ऐसा लगता है कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद समाज का हर तबका मालामाल हो जाएगा. प्राथमिकता के आधार पर उनके हित में धड़ाधड़ फैसले लिए जाएंगे. कांग्रेस ने 24 घंटे में किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त बिजली दी जाएगी.
फसल खराब होने पर 12 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा, महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, रोडवेज की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्र की सुविधा, गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म तक हर महीने 3,500 रुपए, हर माह दिए जाएंगे.
बुढ़ापा पेंशन की राशि बढ़ाकर हर महीने 5,100 रु पए, गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए चूल्हा खर्च और प्रदेश के युवाओं को निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया है.
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने गरीब परिवारों की लड़िकयों की शादी में कन्यादान के रूप में पांच लाख रु पए की मदद, वृद्धावस्था पेंशन की राशि बढ़ाकर पांच हजार रु पए महीने करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने, छोटे किसानों व छोटे व्यापारियों के 10 लाख रुपए तक के कर्जे माफ करने, किसानों को 50 प्रतिशत मुनाफे के आधार पर फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, किसानों के ट्यूबवेल का पूरा बिजली बिल माफ करने, लड़कियों को एमए तक मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारों को पंद्रह हजार रु पए प्रतिमाह भत्ता और ट्रैक्टरों, कृषि यंत्रों, कीटनाशकों, खाद व बीज पर जीएसटी खत्म करने का वादा किया गया है.
इसी तरह भाजपा ने पांच एकड़ से कम राज्य के 14 लाख किसानों को तीन हजार रु पए मासिक पेंशन, तीन लाख रु पए तक का ब्याज मुक्त फसली कर्ज, किन्नू, अमरूद, गाजर व मटर को भावान्तर भरपाई योजना में शामिल करने, 25 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने, नौकरियों के लिए आवेदन के समय वन टाइम फीस तय करने, कुशल दस्तकारों को तीन लाख रुपए तक बिना गारंटी के ऋण, दिव्यांगों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए तीन लाख रुपए तक ऋण, हर गांव में दैनिक बीएस सेवा शुरू करने, गांवों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाने, बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने और भूजल बोर्ड स्थापित करने और अपराधों पर रोक के लिए हर जिले में साइबर पुलिस थाने स्थापित करने का वादा किया है.
कहां से होगा इतनी बड़ी धनराशि का बंदोबस्त?
एक मोटे अनुमान के अनुसार जो भी पार्टी सत्ता में आएगी, उसे अपने चुनावी घोषणापत्र को लागू कराने के लिए एक लाख करोड़ रु पए से ज्यादा की जरूरत पड़ेगी. इतनी बड़ी धनराशि का बंदोबस्त कहां से किया जाएगा, इस बारे में किसी पार्टी ने खुलासा नहीं किया है. मकसद सिर्फ वादों के सहारे वोटों की फसल काटना है. लोग अभी सभी पार्टियों की सुन रहे हैं, लेकिन 21 अक्तूबर को मतदान के दौरान अपने मन की करेंगे.