हरियाणा विधानसभा चुनावों में अब महज 10 दिन का ही वक्त रह गया है, लेकिन डेरों या आध्यात्मिक गुरुओं ने अभी तक किसी भी खास पार्टी के प्रति अपना समर्थन नहीं जताया है। इन डेरों का मतदाताओं पर अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता रहा है राजनातिक दल इन संगठनों का समर्थन लेते रहे हैं।
रेप और हत्या मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल में वक्त बिता रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की एक 15 सदस्यीय कमिटी चुनावों के दौरान किसी पार्टी को समर्थन देने पर फैसला लेती है।
डेरा सच्चा सौदा ने अब तक नहीं दिया है किसी पार्टी को समर्थन
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता ने कहा कि वह पूरे राज्य में बैठकों से राय ले रहे हैं, एक बार बैठकें खत्म हो जाएं तो फिर हम बहुमत के आधार पर फैसला लेंगे और अपने समर्थन का ऐलान करेंगे...चुनाव से एक दिन पहले भी हमारा ऐलान हमारे अनुयायियों के मार्गदर्शन के लिए काफी है।
रामपाल के डेरा ने भी नहीं बनाया है अब तक समर्थन का मन
वहीं एक और डेरा प्रमुख गुरु रामपाल, जो सतलोक आश्रम चलाते हैं, भी नवंबर 2014 से जेल में हैं। इस साल के लोकसभा चुनावों से पहले रामपाल के डेरा ने कांग्रेस का समर्थन किया था, जैसा कि उसने पिछले साल के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान किया था।
गुरु रामपाल के मीडिया प्रभारी चांद राठी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मुद्दे अलग होते हैं। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को अपने सदस्यों के साथ बैठक है और वह अपने सभी सदस्यों और अनुयायियों के समूहों से बातचीत के बाद अपने समर्थन का ऐलान करेंगे। राठी ने दावा किया के रामपाल के अनुयायियों का रोहतक के आसपास की सीटों पर सीधा प्रभाव है।
डेरा बालक पुरी, गौकरण धाम ने भी नहीं खोले हैं पत्ते
इसके अलावा राज्य में कई छोटे डेरा भी हैं। डेरा बाबा श्री बालक पुरी के बाबा करन पुरी ने कहा कि वह अपने भक्तों से किसी खास पार्टी को वोट देने के लिए नहीं कहते हैं। उनके डेरा का सबसे ज्यादा प्रभाव पंजाबी समुदाय पर है और उनके यहां ज्यादातर बीजेपी नेता आते हैं।
एक और गुरु बाबा कपिल पुरी रोहतक में डेरा गौकरण धाम चलाते हैं। वह कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के कट्टर समर्थक हुआ करते थे। हालांकि आगामी चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी को समर्थन देने का संकेत दिया है।