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हरियाणा चुनाव: कांग्रेस नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने से आलाकमान चिंतित, 34 दिन में 40 बड़े नेताओं ने छोड़ा साथ

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 10, 2019 09:31 IST

Congress: कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस लगातार बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने से चिंतित है, पिछले करीब 34 दिनों में 40 बड़े नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

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बलवंत तक्षक, चंडीगढ़: हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी उम्मीदों के साथ अशोक तंवर को हटाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को इलेक्शन कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाया था, लेकिन कांग्रेस हाईकमान का यह फेरबदल का फैसला पूरी तरह से उल्टा पड़ा। 

कुमारी शैलजा के अध्यक्ष बनने के 34 दिन के अंदर तकरीबन 40 बड़े नेता कांग्रेस को छोड़कर चले गए. कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेताओं में पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों के अलावा चेयरमैन और बड़े चेहरे शामिल हैं। हरियाणा में कांग्रेस नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने से आलाकमान चिंतित है। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान टिकटों की घोषणा करते समय पार्टी आलकमान ने इस तरह की बगावत का अंदाज नहीं लगाया था। टिकट से वंचित रहे करीब 22 पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों सहित 40 नेता अब तक कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं। 

कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की मान-मनौव्वल के बावजूद पार्टी छोड़ने वालों का सिलिसला अभी थमा नहीं है। कांग्रेस में बढ़ते असंतोष से पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी उलटा असर पड़ रहा है।

खट्टर का तंज, कांग्रेस वंशवाद से पीड़ित

कांग्रेस के मौजूदा हालात पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी चुटकी ले रहे हैं। खट्टर  ने कहा है कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है। वंशवाद के कारण ही आज कांग्रेस का यह हाल है। हरियाणा में ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी में एक-दूसरे को ठिकाने लगाने का काम जोरों से चल रहा है। कांग्रेस के नेता कभी इकट्ठे हो कर चल ही नहीं सकते। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं से मतभेद भुलाकर एकजुट हो जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपना जोश सही दिशा में लगाने के लिए कहा है, ताकि हरियाणा में पार्टी को फिर से सत्ता में लाया जा सके।

टिकट वितरण से नाराज अशोक तंवर कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी

टिकट वितरण में अपनी उपेक्षा किए जाने पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने न केवल कांग्रेस छोड़ दी, बल्कि वे राज्य में जगह-जगह जाकर पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने में लगे हुए हैं। पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के साथ ही कहा है कि वे आदमपुर, नलवा और फतेहाबाद में कांग्रेस उम्मीदवारों को हराने के लिए उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे। इस दौरान कांग्रेस छोड़ने वाले कुछ नेता भाजपा और जननायक जनता पार्टी के टिकट हासिल कर मैदान में भी उतर चुके हैं।

हाल में कांग्रेस छोड़ने वालों में लाडवा से पूर्व विधायक रमेश गुप्ता, फरीदाबाद से पूर्व मंत्री अगरचंद चौधरी, जगाधरी से पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी, बादली से पूर्व विधायक नरेश शर्मा, बरवाला से पूर्व विधायक रामनिवास घोडेला, उकलाना से पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, बाढडा से पूर्व विधायक रणसिंह मान और पूर्व विधायक कर्नल रघुबीर सिंह छिल्लर शामिल हैं। इससे पहले कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व विधायकों में नांगल चौधरी से राधेश्याम शर्मा, सोनीपत से अनिल ठक्कर, रितया से रामस्वरूप रामा, गुहला से फूल सिंह खेडी, नारनौंद से प्रो. रामभगत शर्मा, रानियां से रणजीत सिंह, अंबाला से निर्मल सिंह, बल्लभगढ़ से शारदा राठौड़, दादरी से सतपाल सांगवान, गुहला से ईश्वर सिंह और फतेहाबाद से दूड़ाराम शामिल हैं।

पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे नारनौंद से राजबीर सिंह संधू, पुन्हाना से सुभान खान, सफीदों से कर्मवीर सैनी, टोहाना से देवेंद्र बबली, अंबाला शहर से हिम्मत सिंह भी टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व निगम पार्षद चित्र सरवारा, महिला कांग्रेस की राज्य अध्यक्ष सुमित्र चौहान, भिवानी से कांग्रेस नेता नीलम अग्रवाल और किसान कांग्रेस के नेता राजू मान भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं।

कांग्रेस का घोषणा पत्र इसी हफ्ते

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि पार्टी इसी हफ्ते चुनावी घोषणा पत्र जारी करेगी। पार्टी प्रवक्ता बजरंग गर्ग के मुताबिक यह प्रदेश के किसान, मजदूर, कर्मचारी, दलित, पिछड़ा वर्ग, व्यापारी, उद्योगपति और आम जनता के हित में होगा। गर्ग ने कहा,  भाजपा की सरकार झूठी घोषणाओं की सरकार है। इस सरकार ने टैक्स में अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी करके देश व प्रदेश में व्यापार को बर्बाद कर दिया। उद्योग बंद होने व नए उद्योग न लगने के कारण प्रदेश में बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ी है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में धक्के खाने पड़ रहे हैं।

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