हरियाणा विधानसभा चुनाव: राजनीति हो, चाहे खेल का मैदान, बबिता फोगट के लिए महिलाओं का सम्मान सबसे ऊपर
By बलवंत तक्षक | Published: September 19, 2019 08:23 AM2019-09-19T08:23:49+5:302019-09-19T08:23:49+5:30
भाजपा से जुड़ने के सवाल पर बबिता फोगट ने कहा कि जिस पार्टी ने देश को जोड़ा है, उसके साथ क्यों न जुड़ा जाए? मैं भाजपा की नीतियों से प्रभावित हो कर ही इस पार्टी में आई हूं.
राजनीति हो या खेल का मैदान, महिलाओं का सम्मान मेरे लिए सबसे ऊपर है. यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में दो बार गोल्ड मैडल जीत चुकी बबिता फोगट का.
महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाने को अपना मकसद बताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में रहते हुए इस दिशा में उनसे जो भी बेहतर हो सकेगा, वे करने की कोशिश करेंगी.
पुलिस में सब इन्स्पेक्टर की सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति के दंगल में कदम रखने वाली महिला पहलवान बबिता का जब इस ओर ध्यान दिलाया गया था कि राजनेता कभी महिलाओं के छोटे कपड़ों पर तो कभी उनके रहन-सहन पर कमेंट करते हैं. हाल में कश्मीर से धारा-370 हटाने पर भी कश्मीर से बहू लाने की बात कही गई है, तो अपनी प्रतिक्रि या देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पिता महावीर सिंह जिंदगीभर इस तरह की चुनौतियों का बड़ी हिम्मत से सामना करते रहे हैं. जब भी मुझे कहीं कुछ गलत दिखाई देगा, मैं उसके खिलाफ जरूर आवाज़ उठाऊंगी.’’
बबिता ने कहा, ‘‘जो लोग महिलाओं के छोटे कपड़ों उनके रहन-सहन से उनके चरित्र को नापते हैं, दरअसल वे इंसान विरोधी बात करते हैं. मैं ऐसे लोगों के खिलाफ खड़ी रही हूं और आगे भी खड़ी रहूंगी.’’
भाजपा से जुड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने देश को जोड़ा है, उसके साथ क्यों न जुड़ा जाए? मैं भाजपा की नीतियों से प्रभावित हो कर ही इस पार्टी में आई हूं.
फोगट बहनों को कुश्ती के मैदान में उतारने के लिए उनके पिता महावीर फोगट की जिंदगी के संघर्ष पर आधारित पत्रकार सौरभ दुग्गल की किताब ‘अखाड़ा’ के हिंदी संस्करण के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर चंडीगढ़ आईं बबिता फोगट ने कहा कि वे हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं. भाजपा उन्हें कहां किस सीट से टिकट देगी, यह पार्टी पर निर्भर करता है.