हरियाणा के वोटर्स ने दोहराया 2009 का मॉडल, 75 सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी को नकारा!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 24, 2019 02:55 PM2019-10-24T14:55:30+5:302019-10-24T14:55:30+5:30
कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। उसी ओवर कॉन्फिडेंस में विधानसभा चुनाव में 75+ का नारा दिया गया। लेकिन ताजा रुझानों में बहुमत से दूर है। यह ठीक 2009 के चुनावों की पुनरावृत्ति लगती है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था। बीजेपी को करीब 58 फीसदी वोट मिला था। उसी ओवर कॉन्फिडेंस में विधानसभा चुनाव में 75+ का नारा दिया गया। लेकिन ताजा रुझानों में बहुमत से दूर है। बीजेपी करीब 35 प्रतिशत सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। यह ठीक 2009 के चुनावों की पुनरावृत्ति लगती है।
2009 में क्या हुआ था?
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की 10 में से 9 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी। उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटें जीतने का दावा किया। लेकिन जब नतीजे आए तो कांग्रेस पार्टी महज 35 सीटों पर सिमट गई और सरकार बनाने के लिए उसे कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस को तोड़ना पड़ा। हाशिये पर समझी जा रही आईएनएलडी को 31 सीटें मिलीं थी और बीजेपी को 4 सीटें।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक ताजा रुझान (3 बजे तक):-
लोकसभा और विधानसभा के मुद्दे अलग
इन दोनों चुनाव के नतीजों से साफ होता है कि हरियाणा की जनता लोकसभा और विधानसभा में अलग-अलग मुद्दों पर वोट देती है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जबकि विपक्षी पार्टियों ने बेरोजगारी एवं किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
इस चुनाव में भाजपा ने करीब 75 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा था लेकिन बहुतम हासिल करने के भी लाले पड़ रहे हैं। हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन रही है। वर्तमान में राज्य विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 48 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं। विधानसभा चुनाव में 1169 उम्मीदवार खड़े थे।