नई दिल्लीः प्रधानमंत्री कार्यालय में फेरबदल किया गया है। हार्दिक सतीश चंद्र शाह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सलाहकार होंगे। वह राजीव टोपनो की जगह लेंगे। हार्दिक सतीश चंद्र शाह अभी प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव हैं।
शाह 2010 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। डिपार्टमेंट और पर्सनल एंड ट्रेनिंग की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, गुजरात कॉडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हार्दिक सतीश चंद्र शाह(2010 बैच) को प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव अरविंद श्रीवास्तव की संयुक्त सचिव पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है।
आईएएस अधिकारी हार्दिक सतीशचंद्र शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। यह जानकारी कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश से मिली है। गुजरात काडर के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी शाह वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।
आदेश में कहा गया है कि शाह को को-टर्मिनस आधार पर प्रधानमंत्री का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। गत वर्ष पीएमओ में भेजे जाने से पहले शाह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निजी सचिव के तौर पर कार्यरत थे।
ओमप्रकाश होंगे उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को बृहस्पतिवार को उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। कार्मिक और सतर्कता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए ओमप्रकाश से अविलंब अपना नया पदभार ग्रहण करने को कहा है। ओमप्रकाश वर्ष 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह उत्पल कुमार सिंह की जगह लेंगे जो कल शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने आलोक मित्तल को एडीजीपी, सीआईडी नियुक्त किया
हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) के पद पर नियुक्त किया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मित्तल अनिल कुमार राव का स्थान लेंगे जो शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इस महीने के शुरू में हरियाणा सरकार ने मित्तल को सीआईडी में विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त किया था। हरियाणा काडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी मित्तल पूर्व में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में महानिरीक्षक के तौर पर प्रतिनियुक्ति पर थे।
साझेदारों का सम्मान ‘विविधता’, ‘भविष्य के लिए चिंता’ और ‘सतत विकास’ के प्रमुख मूल्यों पर आधारित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के विकास सहयोग में कोई भी शर्त अंतर्निहित नहीं होती है और न ही कोई राजनीतिक या वाणिज्यिक हित जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमारे विकास सहयोग का मुख्य सिद्धांत हमारे साझेदारों का सम्मान ‘विविधता’, ‘भविष्य के लिए चिंता’ और ‘सतत विकास’ के प्रमुख मूल्यों पर आधारित हैं।
मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ के साथ बृहस्पतिवार को पोर्ट लुई में संयुक्त रूप से मॉरिशस के उच्चतम न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किए गए इस उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ विकास के प्रति भारत का रुख मानव केंद्रित है। हम मानवता के कल्याण के लिये काम करना चाहते हैं।’’
मोदी ने कहा कि आधुनिक डिजाइन एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नया सुप्रीम कोर्ट भवन मॉरीशस न्यायपालिका के लिए एक उपयुक्त स्थान और सहयोग के साथ-साथ भारत एवं मॉरीशस के साझा मूल्यों का भी प्रतीक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और मॉरिशस स्वतंत्र न्यायपालिका का हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में सम्मान करते हैं। ’’ मोदी ने कहा कि इतिहास हमें बताता है कि विकासात्मक गठजोड़ के नाम पर देशों को 'निर्भरता वाले गठजोड़' के लिये मजबूर किया गया। इसने उपनिवेशवाद और राजशाही शासन को बढ़ावा दिया । इसने वैश्विक सत्ता ब्लाक को बढ़ावा दिया और इससे मानवता प्रभावित हुई । उन्होंने कहा कि विकास साझेदारी का भारत का प्रमुख सिद्धांत साझेदारों का सम्मान है।