तेल खरीद पर बोले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी- हमारे उपभोक्ताओं के लिए दूसरे देश की सरकार जिम्मेदार नहीं

By मनाली रस्तोगी | Published: October 14, 2022 03:01 PM2022-10-14T15:01:42+5:302022-10-14T15:03:05+5:30

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मैं हाल ही में अमेरिका में था। मैंने कहा कि हम जहां से चाहेंगे वहां से तेल खरीदेंगे। उस पर हमारा कोई वश नहीं है।

Hardeep Puri on India's oil purchases other country’s govt not responsible to my consumers | तेल खरीद पर बोले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी- हमारे उपभोक्ताओं के लिए दूसरे देश की सरकार जिम्मेदार नहीं

तेल खरीद पर बोले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी- हमारे उपभोक्ताओं के लिए दूसरे देश की सरकार जिम्मेदार नहीं

Highlightsकेंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सच तो ये है कि किसी ने हमें इसे खरीदने के लिए भी नहीं कहा।उन्होंने कहा कि क्या मैं अपने उपभोक्ताओं के लिए जिम्मेदार हूं या किसी अन्य देश की सरकार मेरे उपभोक्ताओं के लिए जिम्मेदार है?उन्होंने कहा कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किसी अन्य देश की सरकार जिम्मेदार नहीं है।

जयपुर: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी शुक्रवार को एक बार फिर तेल खरीद के मुद्दे पर बात करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किसी अन्य देश की सरकार जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत के पास अपनी तेल खरीद के संबंध में कोई बाध्यता नहीं है। पुरी ने कहा, "मैं हाल ही में अमेरिका में था। मैंने कहा कि हम जहां से चाहेंगे वहां से तेल खरीदेंगे। उस पर हमारा कोई वश नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा, "सच तो ये है कि किसी ने हमें इसे खरीदने के लिए भी नहीं कहा...क्या मैं अपने उपभोक्ताओं के लिए जिम्मेदार हूं या किसी अन्य देश की सरकार मेरे उपभोक्ताओं के लिए जिम्मेदार है?" पुरी ने शुक्रवार को सीतापुरा में जयपुर प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में तीन दिवसीय 5वें दक्षिण एशियाई भूविज्ञान सम्मेलन जीईओ इंडिया 2022 में ये कहा।

बता दें कि जब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी वॉशिंगटन डीसी में थे तो उन्होंने जोर देकर कहा था, "क्या मुझे किसी ने रूसी तेल खरीदने से रोकने के लिए कहा है? इसका उत्तर ना है। भारत जहां कहीं से भी तेल खरीदेगा, उसका सीधा सा कारण यह है कि इस तरह की चर्चा को भारत की उपभोग करने वाली आबादी तक नहीं ले जाया जा सकता है।"

यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच एक मध्य मार्ग बनाने की कोशिश की है और अब तक क्रेमलिन के साथ अपने आर्थिक संबंधों को काटने के लिए पश्चिमी दबाव का बड़े पैमाने पर विरोध किया है। विदेश विभाग के एक अधिकारी के हवाले से मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, रूस के हथियारों और तेल पर भारत की निर्भरता को लेकर अमेरिका भारत के साथ गहरी बातचीत कर रहा है।

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