पटनाः शिक्षक दिवस के दिन गुरुवार को बिहार के वित्त रहित शिक्षकों जदयू कार्यालय के बाहर भारी बवाल काटा। हजारों की संख्या में वित्त रहित शिक्षक अपनी हाथों में कटोरा व पोस्टर बैनर लेकर पटना स्थित जदयू कार्यालय के गेट पर जमा हुए। वहीं इन प्रदर्शनकारी शिक्षकों के जुटान को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल की भी तैनाती दिखी। शिक्षक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी मांगों पर विचार करने के लिए आग्रह कर रहे हैं। बिहार के अलग-अलग जिलों से पहुंचे वित्त रहित शिक्षकों का कहना है कि उन लोगों को अनुदान ना देकर वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें 35-40 साल से वेतन नहीं मिला है।
वो लोग धरना करते करते थक गए हैं। महिला शिक्षिकाओं ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन पर ध्यान देते वो कटोरा लेकर नहीं घुमती। हम लोग गरीब हैं, भूखे हैं, हम लोग शिक्षा विभाग और नीतीश सरकार से कहना चाहते हैं कि शिक्षक दिवस के दिन हमारा परिवार भूखा है। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हमारी मांगों को पूरा करें। हमें वेतनमान देकर जदूय कार्यालय से विदा करें।
शिक्षकों का कहना है कि शायद कटोरी देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इन शिक्षकों पर दया आ जाए। मांग करते करते कुछ शिक्षक रिटायर्ड हो गए, तो कुछ दुनिया से भी चले गए। लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। शिक्षकों का कहना है कि क्या वित्त रहित शिक्षकों को पैसा देने के लिए क्या सरकार के कोष में पैसा नहीं है?
शिक्षकों का कहना है कि जब तक शिक्षक भूखा रहेगा, ज्ञान का सागर सूखा रहेगा। वहीं कटोरा लेकर प्रदर्शन करने के सवाल पर शिक्षकों ने कहा कि वो लोग कटोरा लेकर पटना की सड़क पर खड़े हैं ताकि उन्हें जो भी भीख मिलेगा उसको वो सरकार को देंगे ताकि सरकार उसे अपने कोष में जमा कर उन्हें वेतन देंगे और जनता की कल्याण करेंगे।