Gyanvapi Controversy: आधी रात को मस्जिद परिसर में हुई पूजा, बनारस के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगहबानी हुई कड़ी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 1, 2024 11:39 AM2024-02-01T11:39:34+5:302024-02-01T11:43:47+5:30

वाराणसी में ज्ञानवापी विवाद में बुधवार को जिला अदालत द्वारा मस्जिद के तहखाने में हिंदूओं को पूजा का अधिकार दिये जाने के आदेश के कुछ ही घंटों बाद आधी रात को मस्जिद परिसर में पूजन का आयोजन किया गया।

Gyanvapi controversy: Worship took place in the mosque premises at midnight, there was strict police surveillance at every nook and corner of Banaras | Gyanvapi Controversy: आधी रात को मस्जिद परिसर में हुई पूजा, बनारस के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगहबानी हुई कड़ी

फाइल फोटो

Highlightsज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट के आदेश के बाद आधी रात को आयोजित किया गया पूजन समारोहहिंदू पक्ष द्वारा कोर्ट के आदेश के बाद भारी सुरक्षा के बीच मस्जिद परिसर में की गई पूजन की तैयारीज्ञानवापी सर्वे में मिली मूर्तियां को किया गया स्थापित, हुई पूजा और चढ़ा प्रसाद

वाराणसी:वाराणसी में ज्ञानवापी विवाद में बुधवार को जिला अदालत द्वारा मस्जिद के तहखाने में हिंदूओं को पूजा का अधिकार दिये जाने के आदेश के कुछ ही घंटों बाद आधी रात को मस्जिद परिसर में पूजन का आयोजन किया गया।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार हिंदू पक्ष द्वारा अदालत के आदेश के तुरंत बाद पूजा की तैयारी शुरू हो गई और भारी सुरक्षा के बीच मस्जिद परिसर में आरती की गई।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "मूर्तियां स्थापित करने के बाद काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पुजारी द्वारा शयन आरती की गई। अखंड ज्योति शुरू हुई। सभी देवताओं की दैनिक आरती, जिसमें सुबह की मंगला आरती, भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती शामिल है, वो शुरू होगी।"

विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने 'तहखाना', जहां भव्य नंदी विराजमान हैं। उनकी ओर से मस्जिद में जाने वाला रास्ता बुधवार और गुरुवार की रात में करीब 12 बजे खोला गया। ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के दौरान जो मूर्तियां मिलीं, उन्हें स्थापित किया गया। मूर्तियों की पूजा की गई और प्रसाद चढ़ाया गया।

बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में गुरुवार से अधिकारी पूजा पाठ के साथ सभी मांगलिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। प्रशासन की ओर से पूजन कराने के बाद प्रसाद काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंप दिया गया।

इस बीच, वाराणसी समेत पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस अलर्ट पर थी। पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को आदेश था कि वो किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस की गश्त को तेज करें। उन्हें ज्ञानवापी विवाद में प्रसारित होने वाली किसी भी अफवाह के लिए सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखने का आदेश था।

कोर्ट के फैसले के बाद वकील सोहन लाल आर्य ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तहखाने में पूजन के लिए सारी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं लेकिन व्यास का तहखाना अभी श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया है।

कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने कहा, "अदालत ने 'तहखाना' को खोलने और उसके बाद पूजा करने का आदेश दिया है, जो वर्षों से बंद था। इसमें अब किसी भी पक्ष को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अदालत के आदेश के अनुसार हम पूजन के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं करेंगे। हमें अपने देवता की पूजा करने का अधिकार दिया गया है। हमारे पास पर्याप्त पुजारी हैं और हम जल्द ही 'पूजा' शुरू करे देंगे।"

वाराणसी की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद परिसर के तहखाने में पूजा-अर्चना स्पष्ट रूप से नियमित अंतराल पर काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा नामित किसी "पुजारी" द्वारा की जाएगी, जबकि मामले में के याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसके दादा ने दिसंबर 1993 तक मस्जिद के तहखाने में भगवान का पूजन किया था।

Web Title: Gyanvapi controversy: Worship took place in the mosque premises at midnight, there was strict police surveillance at every nook and corner of Banaras

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